लुधियाना : सफ़ाई कर्मचारी आंदोलन द्वारा हाथ से साथ सफ़ाई करने और सिर पर मैला ढोने वालों के पुनर्वास और सीवरेज या सैपटिक टैंक साफ़ करते जहरीली गैस चढऩे से मौत के आग़ोश में गए सफ़ाई कर्मचारियों का गंभीर नोटिस लेते हुए उनके अधिकारों की लड़ाई लड़ कर उन्हें मुआवज़ा दिलवाने में सफलता हासिल की है।
आज सफ़ाई कर्मचारी सोनूं कुमार की पत्नी पूजा और मेहर चंद की पत्नी सुदेश रानी को नगर निगम की तरफ से 10 -10 लाख रुपए मुआवज़े के तौर पर दिए गए। यह मुआवज़े की रकम उनके बैंक खातों में ट्रांसफर करके उन्हें बैंक की के पास बुकें ओ एंड एम सैल के एक्स सी एन नछतर सिंह द्वारा दीं गई। सफ़ाई कर्मचारी आंदोलन के स्टेट कनवीनर सुभाष दिसावर ने जानकारी देते हुए बताया कि सोनूं कुमार और मेहर चंद की 16 सितम्बर 2016 में सीवरेज की सफ़ाई करते जहरीली गैस चढऩे से मौत हो गई थी।
उन्होंने बताया कि मैला ढोने वाले सफ़ाई सफ़ाई कर्मचारियों और सीवरेज वर्करों की लड़ाई भारत की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट में 2003 से 2014 तक लड कर यह जीत हासिल की गई है। श्री दिसावर ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेशों में कहा है कि 1993 से अब तक देश में जितने भी सिवरेज या सैपटिक टैंक की सफ़ाई करते हुए सफ़ाई कर्मचारियों की मौत हुई है, के हरेक परिवार को 10 -10 लाख रुपए का मुआवज़ा दिया जाये। उन्होंने बताया कि कोर्ट की तरफ से सिवरेज /सैपटिक टैंक की मैनुअल सफ़ाई करवाने को क्राइम की श्रेणी में रखा गया है।
सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के अंतर्गत ही 10 -10 लाख रुपए मुआवज़े के तौर पर दिए गए हैं। श्री दिसावर ने यह भी बताया कि अब तक आंदोलन की तरफ से नगर निगम लुधियाना से 13 मृतक सीवरेज वर्करों के परिवारों को एक करोड़ 30 लाख रुपए का मुआवज़ा दिलवाया गया है। इस मौके सुभाष दिसावर के अतिरिक्त संघर्ष कमेटी नगर निगम के वरिष्ठ नेता लवली पाल दिसावर,सुनील कुमार,सुशील कुमार,गजराज आदि उपस्थित थे ।
– सम्राट शर्मा