पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सभी दलों के विधायकों से 4 नवंबर को राष्ट्रपति से मिलने के लिए साथ चलने की अपील की है। उन्होंने कहा कि हाल में विधानसभा के विशेष सत्र में पारित कृषि संशोधन कानूनों पर जल्द सहमति के लिए राष्ट्रपति से मिलना जरूरी है।
सरकारी प्रवक्ता ने कल बताया कि मुख्यमंत्री ने एक बयान के जरिये सभी विधायकों को राज्य के हितों की रक्षा के लिए दलगत भावनाओं से उपर उठना होगा ताकि एकजुट होकर केंद्र सरकार के इन कानूनों को वापस लेने का दबाव बनाया जा सके।
प्रवक्ता ने कहा कि केंद्र सरकार की तरफ से हाल ही में लाए 3 कृषि कानून पंजाब के किसानों के लिए विनाशकारी सिद्ध होंगे। कृषि हमारे आर्थिक ढांचे के साथ-साथ मंडी प्रणाली और न्यूनतम समर्थन मूल्य की रीड़ की हड्डी है। राज्य के हितों के लिए प्रयास करना सबका फर्ज है। मुख्यमंत्री अमरिंदर पहले ही राष्ट्रपति से मिलने का समय मांग चुके हैं।
मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार की ओर से पंजाब जाने वाली माल गाडियां रोकने और ग्रामीण विकास फंड को रोकने पर गंभीर चिंता जताई है। इस फंड को रोकने से गांवों के बुनियादी ढांचे के विकास पर बुरा असर पड़ेगा। वैसे ही पंजाब की अर्थव्यवस्था को कोरोना ने चौपट कर दिया है।
3 कृषि कानूनों के कारण पंजाब का किसान आंदोलन कर रहा है तथा रेल रोकने के कारण यात्री तथा मालगाडियों की आवाजाही पूरी तरह बंद होने से रेलवे तथा राज्य सरकार को व्यापार के क्षेत्र में भारी घाटा हो रहा है। इसका सीधा असर उद्योगों पर पड़ा है।