राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान के कई जिलों में सूखे की स्थिति का आकलन करने के लिए आई केन्द्र सरकार की टीम से प्रभावित जिलों के लिए राष्ट्रीय आपदा राहत कोष की सहायता राशि जल्द उपलब्ध कराने का आग्रह किया है। यहां जारी एक सरकारी बयान के अनुसार गहलोत ने कहा कि बाड़मेर, जोधपुर, जैसलमेर और हनुमानगढ़ जिलों के अतिरिक्त तीन अन्य जिले बीकानेर, चूरू और नागौर में भी गिरदावरी रिपोर्ट के अनुसार सूखे से प्रभावित हैं, जिनकी स्थिति का भी आकलन करके राहत दी जानी चाहिए।
गहलोत ने बुधवार को दस सदस्यीय केन्द्रीय टीम के साथ मुलाकात के दौरान कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा सूखे की स्थिति की जानकारी हेतु गिरदावरी के माध्यम से किए गए आकलन को स्वीकार नहीं करने का नियम उचित नहीं है। इसी प्रकार, सूखा प्रबन्धन निर्देशिका में दो हैक्टेयर तक की भूमि पर ही किसानों को कृषि आदान अनुदान दिया जाना प्रदेश की भौगोलिक परिस्थिति के अनुकूल नहीं है, क्योंकि राज्य में औसतन कृषि जोत की साइज ज्यादा है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय आपदा राहत कोष के ऐसे अव्यवहारिक नियमों को बदलना चाहिए। मुख्यमंत्री ने टीम के सदस्यों से कहा कि सम्बन्धित जिलों की वस्तुस्थिति के अनुरूप केन्द्र से जल्द से जल्द राहत राशि जारी करवाई जाए, ताकि प्रभावित लोगों को उसका समुचित लाभ मिल सके।
उन्होंने राजस्थान की विशेष परिस्थितियों के अनुरूप पशुओं के लिए राहत राशि का अनुदान बढ़ाने के लिए भी नियमों में संशोधन का सुझाव दिया। केन्द्रीय कृषि मंत्रालय की संयुक्त सचिव शोमिता बिस्वास के नेतृत्व में आई टीम ने कहा कि चारों प्रभावित जिलों में सूखे की स्थिति है।
टीम के सदस्य कृषि मंत्रालय के निदेशक बी. के. श्रीवास्तव ने कहा कि कई स्थानों पर जमीन में नमी का स्तर कम है तथा नियमित अन्तराल पर बारिश होने पर ही फसल की संभावना बनती है। उन्होंने माना कि टिड्डियों के आक्रमण से भी फसलों को भारी नुकसान हुआ है। साथ ही, पशुओं के लिए चारे का संकट है तथा पेयजल की समस्या भी है। गहलोत ने तीन और जिलों को सूखाग्रस्त घोषित करने हेतु राज्य के अधिकारियों को शीघ्रता से समुचित कार्यवाही करने एवं भारत सरकार के पास पुरजोर पैरवी करने के निर्देश दिए।