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भारत को हिंदू राष्ट्र बनाना ही मोदी, शाह का एजेंडा है : गहलोत

गहलोत ने कहा कि ‘सरकार को अवैध घुसपैठियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए और इस बारे में सभी समुदाय के लोग सरकार का समर्थन करेंगे लेकिन धर्म के नाम पर लोगों को विभाजित करने का कदम बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।’

जयपुर : राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ एक विशाल शांति मार्च का नेतृत्व किया और केंद्र से इस अधिनियम को रद्द करने की मांग करते हुए कहा कि यह संविधान के खिलाफ है और लोगों को धर्म के नाम पर बांटने का प्रयास है। 
जयपुर के अल्बर्ट हॉल से जेएलएन मार्ग के गांधी सर्कल के लगभग तीन किलोमीटर तक आयोजित शांति मार्च में विभिन्न राजनैतिक दलों माकपा, आप, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय लोकदल, जनता दल :एस:, सिविल सोसायटी, प्रबुध जनों, अल्पसंख्यकों के सदस्यों के साथ साथ युवाओं ने भी हिस्सा लिया। 
मुख्यमंत्री ने संशोधन नागरिकता कानून :सीएए: और राष्ट्रीय नागरिक पंजी :एनआरसी: जैसे फैसलों के लिए भाजपा, आरएसएस, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि उनका एजेंडा भारत को हिंदू राष्ट्र बनाना है। उन्होंने सवाल किया कि क्या उनका यह एजेंडा पूरा होने पर देश अखंड रह पायेगा। 
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए गहलोत ने कहा कि ‘उनका राष्ट्रवाद खोखला है और अब लोग उनकी ‘चाल’ के बारे में अच्छी तरह से समझ गये हैं।’ गहलोत ने कहा कि ‘भाजपा अहंकार में शासन कर रही है, उनके पास जो बहुमत है, कानून बना सकते हैं, लेकिन लोगों का दिल नहीं जीत सकते। आज देश जल रहा है। भाजपा शासित उत्तर प्रदेश में हिंसा में 15 लोगों की मौत हो गई है और हिंसा भाजपा शासित राज्यों में हो रही है।’ 
उन्होंने कहा कि ‘देश आजादी के बाद 70 साल में संविधान के सिद्धांतों पर चला लेकिन अब मोदी सरकार संविधान को तहस नहस कर रही है और आरएसएस और भाजपा हिंदू राष्ट्र बनाने के अपने एजेंडे को अंजाम देने की कोशिश कर रहे हैं।’ उन्होंने आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी और अमित शाह एक के बाद एक राष्ट्रवाद के संदेश दे रहे हैं … राष्ट्रवाद की बात कर रहे हैं। क्या हम राष्ट्रवादी नहीं हैं? 
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो का दौरा किया और ऐसा माहौल बनाया गया जैसे कि सभी उपग्रहों को उनके प्रधानमंत्री बनने के बाद ही लॉन्च किया गया हो।’ उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को धर्म के आधार पर बनाया गया था, लेकिन यह भी एक नहीं रह सका और धर्म के आधार पर बने पाकिस्तान के दो टुकड़े हो गये – पाकिस्तान और बांग्लादेश। 
गहलोत ने कहा कि केन्द्र सरकार को संशोधित नागरिकता कानून :सीएए: को निरस्त करना चाहिए और प्रधानमंत्री को यह घोषणा करनी चाहिए कि देश में एनआरसी लागू नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वे असम में एनआरसी को लागू करने में विफल रहे। सर्वेक्षणों के बाद 19 लाख लोगों की पहचान की गई और उनमें से 16 लाख लोग हिंदू थे। जब उनका अभियान वहां सफल नहीं हो सका, तो वे नागरिकता संशोधन विधेयक लेकर आये हैं। 
उन्होंने कहा कि ‘सरकार को अवैध घुसपैठियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए और इस बारे में सभी समुदाय के लोग सरकार का समर्थन करेंगे लेकिन धर्म के नाम पर लोगों को विभाजित करने का कदम बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।’ उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा कि रैली अपने आप में देश और दुनिया के लिए शांति, एकता और सद्भाव का संदेश है। 
उन्होंने कहा कि नागरिकता अधिनियम में संशोधन इससे पहले भी हुआ है लेकिन यह पहली बार है जब लोग इसका विरोध कर रहे हैं और युवा सड़कों पर उतर रहे हैं। जद (यू) के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव ने कहा कि देश एक मुश्किल दौर से गुजर रहा है और देश में अघोषित आपातकाल है। उन्होंने सरकार से इस असंवैधानिक कानून को रद्द करने मांग की। 

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