राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा है कि शिक्षा सहयोग और वैज्ञानिक गठजोड़ भारत-आस्ट्रेलिया संबंधों के दो आधार हैं। श्री कोविंद ने शुक्रवार को आस्ट्रेलिया के मेलबर्न विश्वविद्यालय में अकादमिक समुदाय और छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘भारत और आस्ट्रेलिया ज्ञान के साझेदार है। आस्ट्रेलिया भारतीय छात्रों के लिए दूसरी उच्च वरीयता का गंतव्य है। वर्तमान में 85,000 भारतीय छात्र आस्ट्रेलिया के विभिन्न भागों में रहकर शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।’’
राष्ट्रपति ने कहा कि आस्ट्रेलिया में ‘भारतीय आर्थिक रणनीति’ का मुख्य ध्वजवाहक क्षेत्र ‘शिक्षा’ ही है। भारत के शीर्ष पांच अनुसंधान साझेदारों में से आस्ट्रेलिया भी शामिल है। भारत-आस्ट्रेलिया के सामरिक क्षेत्र में रणनीतिक अनुसंधान निधि आस्ट्रेलिया द्वारा किसी भी एक देश के साथ किया जाने वाला सबसे बड़ अनुसंधान सहयोग है। श्री कोविंद की मौजूदा आस्ट्रेलिया यात्रा के दौरान इस क्षेत्र में एक करोड़ आस्ट्रेलियाई डॉलर की प्रतिबद्धता को पुन: घोषित किया गया।
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राष्ट्रपति शुक्रवार को अपनी तीन दिवसीय आस्ट्रेलिया यात्रा के तीसरे दिन मेलबर्न पहुंचे। इससे पहले श्री कोविंद का मेलबर्न के गवर्न्मेंट हाउस में विक्टोरिया की गर्वनर लिंडा देसाउ ने स्वागत किया। गर्वनर ने श्री कोविंद के सम्मान में भोज की भी मेजबानी की।
इस अवसर पर श्री कोविंद ने भारत के साथ व्यापार को लेकर विक्टोरिया सरकार की सराहना की। राष्ट्रपति ने मेलबर्न और विक्टोरिया में भारतीय समुदाय एवं भारतीय मूल के प्रवासियों के स्वागतपूर्ण रवैये के लिए उनकी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि प्रवासी भारतीयों का विक्ट्रोरिया की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देना गर्व का विषय है।
आस्ट्रेलिया के विपक्ष और लेबर पार्टी के नेता बिल शार्टन ने भी श्री कोविंद से मुलाकात की। श्री कोविंद ने भारत के साथ अच्छे संबंधों को लेकर आस्ट्रेलिया के दोनों दलों के सहयोग के लिए धन्यवाद दिया। श्री शार्टन ने भी भारत को आस्ट्रेलिया की प्राथमिकता बताया। दोनों नेताओं ने भारत की नवीनकरणीय ऊर्जा कार्यक्रमों और भारत की अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन स्थापित करने की पहल पर भी चर्चा की।
राष्ट्रपति शनिवार को विशेष विमान से आस्ट्रेलिया से दिल्ली के लिए रवाना होंगे।