सुप्रीम कोर्ट पहुंचा पेगासस जासूसी का विवाद, राज्यसभा सदस्य ने दायर की याचिका - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

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सुप्रीम कोर्ट पहुंचा पेगासस जासूसी का विवाद, राज्यसभा सदस्य ने दायर की याचिका

माकपा के राज्यसभा सदस्य जॉन ब्रिटास ने इजराइली स्पाईवेयर पेगासस मामले में कोर्ट की निगरानी में जांच कराने का अनुरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है।

पेगासस जासूसी का मुद्दा अब सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे पर जा पहुंचा है। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के राज्यसभा सदस्य जॉन ब्रिटास ने इजराइली स्पाईवेयर पेगासस मामले में कोर्ट की निगरानी में जांच कराने का अनुरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है।
ब्रिटास ने याचिका में कहा कि हाल में जासूसी के आरोपों ने भारत में लोगों के एक बड़े वर्ग के बीच चिंता पैदा कर दी है और जासूसी का अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर गहरा असर पड़ेगा। उन्होंने पेगासस स्पाईवेयर के जरिए जासूसी करने के आरोपों के संबंध में कोर्ट की निगरानी में जांच कराए जाने का अनुरोध किया है।
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माकपा के सदस्य ब्रिटास ने रविवार को एक बयान में कहा कि बहुत गंभीर प्रकृति के बावजूद केंद्र सरकार ने इस मुद्दे को लेकर आरोपों की जांच कराने संबंधी परवाह नहीं की है। उन्होंने कहा ‘‘इसलिए, इस संबंध में संसद में प्रश्न उठाए गए थे। लेकिन सरकार ने स्पाईवेयर द्वारा जासूसी से न तो इनकार किया और न ही स्वीकार किया है।’’

पेगासस पर लगे आरोपों की जांच के लिए इजराइल ने गठित की कमेटी

पेगासस विवाद पर सरकार ने कहा था कि जब देश में नियंत्रण एवं निगरानी की व्यवस्था पहले से है तब अनधिकृत व्यक्ति द्वारा अवैध तरीके से निगरानी संभव नहीं है। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में कहा था कि संसद के मॉनसून सत्र के एक दिन पहले रिपोर्ट का आना संयोग नहीं है।
उन्होंने कहा था, ‘‘अतीत में व्हाट्सऐप पर पेगासस के इस्तेमाल करने का दावा सामने आया। इन खबरों का तथ्यात्मक आधार नहीं है और सभी पक्षों ने इससे इनकार किया है।’’ हालांकि मंत्री ने यह स्पष्ट नहीं किया कि सरकार ने पेगासस स्पाईवेयर का इस्तेमाल किया या नहीं।
ब्रिटास ने रविवार को यह भी दावा किया कि आरोपों से दो निष्कर्ष निकलते हैं, या तो जासूसी सरकार द्वारा या फिर किसी विदेशी द्वारा जासूसी की गई। उन्होंने कहा कि यदि यह सरकार द्वारा किया गया तो यह अनधिकृत तरीके से किया गया। यदि किसी विदेशी एजेंसी द्वारा जासूसी की गई है तो यह बाहरी हस्तक्षेप का मामला है और इससे गंभीरता से निपटने की आवश्यकता है।
हाल में मीडिया में आईं खबरों में दावा किया गया था कि पेगासस स्पाईवेयर का इस्तेमाल मंत्रियों, नेताओं, सरकारी अधिकारियों और पत्रकारों समेत करीब 300 भारतीयों की निगरानी करने के लिए किया गया। इससे देश में एक बड़ा राजनीतिक विवाद शुरू हो गया है। भारत समेत अन्य देशों में पत्रकारों, मानवाधिकार समर्थकों, नेताओं और अन्य की जासूसी करने के लिए पेगासस के कथित उपयोग ने निजता से संबंधित मुद्दों को लेकर चिंता खड़ी कर दी है।

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