विधानसभा चुनावों के मध्य उत्तर प्रदेश में जारी सियासत का दौर नहीं थम रहा। सत्तारूढ़ बीजेपी लगातार समाजवादी पार्टी पर माफियाओं को लेकर वार कर रही है। इस बीच सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने एक कड़ा और स्पष्ट संदेश दिया है कि अगर समाजवादी पार्टी विधानसभा चुनाव के बाद सरकार बनाती है तो अपराध नियंत्रण शीर्ष एजेंडा होगा।
अखिलेश ने कहा कि जो लोग अपराध और अपराधियों को बढ़ावा देना चाहते हैं, उन्हें सपा को वोट नहीं देना चाहिए। अखिलेश ने ‘बीजेपी शासन के तहत खराब कानून व्यवस्था’ की बात करते हुए कहा कि जो लोग कानून का पालन नहीं करना चाहते हैं या अपराध और अपराधियों को प्रोत्साहित नहीं करना चाहते हैं, उन्हें समाजवादी पार्टी को वोट नहीं देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि अगर यहां कोई कानून का पालन नहीं करना चाहता या अपराध और अपराधियों को प्रोत्साहित नहीं करना चाहता, जो कानून तोड़ना चाहते हैं या कानून से परे जाना चाहते हैं, तो कृपया हमें वोट न दें। अखिलेश ने रविवार शाम को देवरिया, कुशीनगर और गोरखपुर में चुनावी सभाओं को संबोधित करते हुए कहा कि किसी को भी ऐसा कुछ करने की इजाजत नहीं दी जाएगी जो किसी भी इंसान के लिए अपमानजनक हो।
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पिछड़ी जातियों और समाज के वंचित वर्गों की चिंताओं को दूर करने के बीजेपी नेतृत्व के दावों पर हमला बोलते हुए अखिलेश ने कहा कि अगर बीजेपी को ओबीसी और दलितों की चिंता है तो केंद्र को जाति जनगणना की मांग पर अड़ंगा नहीं लगाना चाहिए था।
सिविल सर्विसेज में लेटरल एंट्री की अनुमति देने के लिए केंद्र के प्रावधान का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि वे जातिगत जनगणना नहीं करवाना चाहते हैं क्योंकि वास्तविकता सामने आ जाएगी। उन्होंने कहा कि इस लेटरल एंट्री के माध्यम से उन्होंने बीजेपी कार्यकर्ताओं को आईएएस अधिकारी के रूप में नियुक्त किया है, लेकिन कोई भी उस वर्ग से संबंधित नहीं है जिससे हम या आप या अल्पसंख्यक हैं। उन्होंने कहा कि अब वे उत्तर प्रदेश में पीसीएस अधिकारियों के रूप में पार्टी कार्यकर्ताओं की नियुक्ति के लिए एक समान प्रणाली लाने की योजना बना रहे हैं।