उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने चंदौली में 21 वर्षीय निशा यादव की मौत के मामले की जांच अपराध शाखा-अपराध जांच विभाग को सौंप दी है। एक मई को चंदौली जिले के सैय्यदराजा इलाके में उसके पिता हिस्ट्रीशीटर कन्हैया यादव को पकड़ने के लिए छापेमारी के दौरान पुलिस की पिटाई की वजह से लड़की की कथित तौर पर मौत हो गई थी। इस घटना का ग्रामीणों ने हिंसक विरोध भी किया था। उन्होंने ईंट-पत्थरबाजी की और यहां तक कि एक एम्बुलेंस को क्षतिग्रस्त करने के बाद राष्ट्रीय राजमार्ग -2 को अवरुद्ध करने का प्रयास किया था।
मृतक के परिवार की मांग पर सीबी-सीआईडी को सौंपी गई है जांच : पुलिस अधिकारी
गृह विभाग के सूत्रों ने पुष्टि करते हुए कहा कि जांच सीबी-सीआईडी को सौंपी जा रही है, यह कहते हुए कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फाइल को मंजूरी दे दी है। बुधवार को औपचारिक आदेश जारी किए जाएंगे। डीजीपी मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि मृतक के परिवार की मांग पर सीबी-सीआईडी को जांच सौंपी गई है। मृतक लड़की के बड़े भाई विजय यादव ने आरोप लगाया था कि, सैय्यदराजा एसओ उदय प्रताप के नेतृत्व में एक पुलिस दल ने कन्हैया यादव के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी करने के बाद उनके घर पर छापा मारा था।
मृतक के परिवार की मांग पर सीबी-सीआईडी को सौंपी गई है जांच : पुलिस अधिकारी
गृह विभाग के सूत्रों ने पुष्टि करते हुए कहा कि जांच सीबी-सीआईडी को सौंपी जा रही है, यह कहते हुए कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फाइल को मंजूरी दे दी है। बुधवार को औपचारिक आदेश जारी किए जाएंगे। डीजीपी मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि मृतक के परिवार की मांग पर सीबी-सीआईडी को जांच सौंपी गई है। मृतक लड़की के बड़े भाई विजय यादव ने आरोप लगाया था कि, सैय्यदराजा एसओ उदय प्रताप के नेतृत्व में एक पुलिस दल ने कन्हैया यादव के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी करने के बाद उनके घर पर छापा मारा था।
अखिलेश यादव ने की थी न्यायिक जांच की मांग
विजय ने प्राथमिकी में आरोप लगाया कि, पुलिस कन्हैया को नहीं पकड़ पाई और मुझे अपने साथ ले जाने की कोशिश की। जब निशा ने इसका विरोध किया, तो उसे उदय ने कथित तौर पर पीटा जिसके बाद उसकी मौत हो गई। बाद में, एसओ क पांच अन्य पुलिसकर्मियों के सा निलंबित कर दिया गया और गैर इरादतन हत्या के आरोपों के तहत मामला दर्ज किया गया। इस मामले को लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी घटना पर सरकार की निंदा की थी और मामले की न्यायिक जांच की मांग की थी।
विजय ने प्राथमिकी में आरोप लगाया कि, पुलिस कन्हैया को नहीं पकड़ पाई और मुझे अपने साथ ले जाने की कोशिश की। जब निशा ने इसका विरोध किया, तो उसे उदय ने कथित तौर पर पीटा जिसके बाद उसकी मौत हो गई। बाद में, एसओ क पांच अन्य पुलिसकर्मियों के सा निलंबित कर दिया गया और गैर इरादतन हत्या के आरोपों के तहत मामला दर्ज किया गया। इस मामले को लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी घटना पर सरकार की निंदा की थी और मामले की न्यायिक जांच की मांग की थी।