बिहार के नवादा जिले के तारगीर निवासी मिथलेश प्रसाद और रीता कुमारी के 21 साल के बेटे नवनीत कुमार देश के युवाओं को प्रेरित करने और देशवासियों को ग्रीन इंडिया का संदेश देने के लिए साइकिल से कन्याकुमारी की यात्रा पर निकले हैं। नवनीत ने अपनी यात्रा के दौरान बताया कि इस बार वह दो महीने की साइकिल यात्रा पर निकले हैं और नवादा से निकलकर कोडरमा के झुमरी तिलैया पहुंचे हैं।
साइकिल से यात्रा करने के पीछे क्या है कारण?
कोडरमा के बाद नवनीत ने कहा कि वह रांची के हजारीबाग में भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी से मिलने की कोशिश करेंगे। इसके बाद वह उड़ीसा होते हुए जमशेदपुर से कन्याकुमारी तक का सफर तय करेंगे। इसके बाद 5 अक्टूबर को आईसीसी वर्ल्ड कप का पहला मैच जो अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में होगा उसमें वो मौजूद रहेंगे। उसके बाद, वह 10 अलग-अलग भारतीय शहरों में खेले जाने वाले विश्व कप खेलों को देखने के लिए शहरों के बीच अपनी साइकिल चलाएंगे। उन्होंने खुलासा किया कि उन्होंने इस समय सीमा के लिए लगभग 7,000 किलोमीटर की साइकिल यात्रा की योजना बनाई है।
लोगों को ग्रीन इंडिया के बारें में करते है जागरूक
नवनीत ने दावा किया कि उन्होंने 2023 की शुरुआत में सियाचिन तक साइकिल चलाई थी। यात्रा करने में उन्हें 45 दिन लगे थे। इस दौरान उन्होंने ऊंची सियाचिन पहाड़ियों का दौरा किया और खूबसूरत दृश्यों का लुत्फ उठाया। उन्होंने दावा किया कि देश के युवाओं में जोश भरने के लिए वो साइकिल चला कर यात्रा करते हैं और अलग-अलग जगह घूमते है। उन्होंने दावा किया कि देश में आज का युवा आलस्य से बुरी तरह घिरा हुआ है। अगर कोई युवा कुछ करने की ठान ले तो उसके लिए कोई भी काम मुश्किल नहीं होता है। उन्होंने दावा किया कि साइकिल पर चलते हुए वह स्थानीय लोगों को ग्रीन इंडिया और पर्यावरण संरक्षण के बारे में भी बताते हैं।
रोज़ाना 100 से 120 किलोमीटर की दूरी करते है तय
नवनीत ने दावा किया कि जब वह पूरे देश में किसी भी जगह यात्रा करते है तो साइकिल चलाकर प्रतिदिन लगभग 100 से 120 किलोमीटर की दूरी तय करते हैं। रात में सोने के लिए वे किसी गुरुद्वारे, मंदिर, सरकारी स्कूल या किसी अन्य सुरक्षित स्थान पर तंबू लगाते हैं। कभी-कभार लोग उन्हें रात में अपने घर भी बुला लेते हैं। नवनीत के मुताबिक, उनके पास हमेशा कुछ आउटफिट्स और छोटे-छोटे बरतन होते हैं। जिसमें वह जरूरत के मुताबिक भोजन तैयार करने के लिए लकड़ी और पत्तियों का इस्तेमाल करते है। उन्होंने दावा किया कि पहले की गई 45 दिनों की साइकिल यात्रा के दौरान उन्हें देश भर के लोगों से बहुत प्यार और स्नेह मिला। लोगों ने मिलकर उनको बहुत ज्यादा सपोर्ट किया। पूरी यात्रा के दौरान उन्हें किसी भी प्रकार की कोई समस्या नहीं आई।