श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को देश का कार्यवाहक राष्ट्रपति घोषित किया गया है। देश में जारी संकट के बीच राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने बिना आधिकारिक इस्तीफे के देश छोड़ दिया है। राष्ट्रपति द्वारा इस तरह से देश छोड़ने से लोगों में आक्रोश पैदा हो गया है। राजधानी कोलंबो में हालात बेकाबू होते जा रहे हैं।
देश के हालातों को देखते हुए प्रधानमंत्री रनिल विक्रमसिंघे को कार्यवाहक राष्ट्रपति बनाया गया है। सुरक्षा के मद्देनजर पीएम आवास पर भारी सुरक्षाबल तैनात किया गया है। वहीं लोग विक्रमसिंघे के भी इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। जानकारी के मुताबिक, विक्रमसिंघे ने कार्यवाहक राष्ट्रपति के तौर पर देशभर में आपातकाल की स्थिति घोषित कर दी है और पश्चिमी प्रांत में कर्फ्यू लागू कर दिया है।
विपक्ष ने उठाए सवाल
विपक्ष के नेता साजिथ प्रेमदासा ने कहा कि प्रधानमंत्री तभी कार्यवाहक राष्ट्रपति बनते हैं जब राष्ट्रपति उन्हें नियुक्त करें, उनका कार्यालय खाली हो, या स्पीकर के परामर्श से मुख्य न्यायाधीश को लगे कि राष्ट्रपति कार्य करने में असमर्थ हैं। इनके बिना, प्रधानमंत्री राष्ट्रपति की शक्ति का प्रयोग नहीं कर सकते।
देश छोड़कर भागे गोटबाया
श्रीलंका की वायु सेना के बयान के मुताबिक, गोटबाया राजपक्षे अपनी पत्नी और दो सुरक्षा अधिकारियों के साथ सेना के एक विमान में देश छोड़कर चले गए हैं। बयान में कहा गया है, ‘‘सरकार के अनुरोध पर और संविधान के तहत राष्ट्रपति को मिली शक्तियों के अनुसार, रक्षा मंत्रालय की पूर्ण स्वीकृति के साथ राष्ट्रपति, उनकी पत्नी और दो सुरक्षा अधिकारियों को 13 जुलाई को कातुनायके अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से मालदीव रवाना होने के लिए श्रीलंकाई वायु सेना का विमान उपलब्ध कराया गया।’’
ऐसा बताया जा रहा है कि राजपक्षे नयी सरकार द्वारा गिरफ्तार किए जाने की आशंका के चलते इस्तीफा देने से पहले विदेश जाना चाहते थे। राजपक्षे ने शनिवार को घोषणा की थी कि वह बुधवार को इस्तीफा देंगे। उन्होंने गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका में प्रदर्शनकारियों के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास पर कब्जा जमाने के बाद यह घोषणा की थी।