करीब 18 महीने की वार्ता के बाद अमेरिका और तालिबान के बीच शांति समझौता पर सहमति बन गई है। करत की राजधानी दोहा में अमेरिका और तालिबान ने इस शांति समझौते पर हस्ताक्षर किेए। इस समझौते के तहत अफगानिस्तान से अमेरिकी सैन्य बलों की संख्या घटाकर 8,600 की जाएगी। वहीं, समझौते में किए गए वादों का अमल 135 दिनों में लागू किया जाएगा।
अमेरिका और तालिबान के शांति समझौते पर हस्ताक्षर के दौरान करीब 30 देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के विदेश मंत्री और प्रतिनिधि इस शांति समझौते के गवाह बने।
अमेरिका की ओर से समझौते के लिए अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ कतर पहुंचे, साथ ही अमेरिका के मुख्य वार्ताकार जलमय खालीलजाद भी इस मौके पर मौजूद थे। वहीं, तालिबान की ओर से प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई मुल्ला बिरादर ने की।
अमेरिकी विदेश मंत्री पोम्पिओ ने तालिबान से कहा कि वह अलकायदा से अपने संबंध समाप्त करने के वादे को निभाए और कहा कि समझौता तभी लाभदायक साबित होगा, जब तालिबान पूरी तरह से शांति कायम करने की ओर काम करेगा।
साथ ही पोम्पियो ने कहा कि अमेरिका इस समझौते की करीब से निगरानी करेगा कि तालिबान अपने वादों को पूरी तरह से लागू करता है कि नहीं।
बता दें, 11 सितंबर 2001 को अमेरिका में हुए हमले के बाद से ही अमेरिका सैनिकों ने अफगानिस्तान में डेरा डाल रखा था।