नेशनल कॉन्फ्रेंस (National conference) के संरक्षक और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) ने हिरासत से रिहा होने के बाद शुक्रवार को (यानी आज) उन सांसदों का आभार व्यक्त किया जिन्होंने उनकी रिहाई के लिए लड़ाई लड़ी और कहा कि सारे नेताओं के रिहा होने के पश्चात ही वह भविष्य के बारे में कोई निर्णय ले पाएंगे।
अब्दुल्ला ने कहा,‘‘ मैं आजाद हूं….उम्मीद है कि बाकी नेता भी जल्द रिहा हो जाएंगे। सभी सांसदों का आभार जिन्होंने मेरी आज़ादी के लिए लड़ाई लड़ी। भविष्य के बारे में कोई निर्णय तभी ले सकूंगा जब सारे नेता रिहा हो जाएंगे।’’ गौरतलब है कि अब्दुल्ला को जन सुरक्षा कानून के तहत नजरबंद किया गया था।
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इस कानून के तहत प्रशासन किसी व्यक्ति को सुनवाई के बगैर तीन महीने तक हिरासत में रख सकता है। इसे दो वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है।
पिछले साल पांच अगस्त को केंद्र द्वारा जम्मू कश्मीर राज्य का विशेष दर्जा समाप्त कर राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित किए जाने के बाद अब्दुल्ला को हिरासत में लिया गया था। वह पहले पूर्व मुख्यमंत्री हैं जिनके खिलाफ पीएसए लगाया गया था।