राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पूर्ववर्ती केन्द्र सरकारों द्वारा रेलवे को राजनीति का अखाड़ा बनाए जाने और रेलवे के आधुनिकीकरण पर हमेशा राजनीतिक स्वार्थ हावी रहने की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की टिप्पणी ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण’’ बताया। गहलोत ने दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी ने यह बयान आगामी विधानसभा एवं लोकसभा चुनावों को देखते हुए दिया है जो देशवासियों के गले नहीं उतरेगा। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार अजमेर-दिल्ली कैंट वंदे भारत एक्सप्रेस के उद्घाटन कार्यक्रम को ‘वर्चुअल’ माध्यम से संबोधित करते हुए उक्त टिप्पणी की। जयपुर रेलवे स्टेशन पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री गहलोत भी मौजूद थे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मोदी ने रेलवे में कथित राजनीति को लेकर पूर्ववर्ती सरकारों पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘‘यह हमारे देश का दुर्भाग्य रहा है कि रेलवे जैसी महत्वपूर्ण व्यवस्था, जो सामान्य मानवीय जीवन का इतना बड़ा हिस्सा है, उसे भी राजनीति का अखाड़ा बना दिया गया था। आजादी के बाद भारत को एक बड़ा रेलवे नेटवर्क मिला था। लेकिन रेलवे के आधुनिकीकरण पर हमेशा राजनीतिक स्वार्थ हावी रहा।’’ उन्होंने कहा कि राजनीतिक स्वार्थ से तय किया जाता था कि कौन रेल मंत्री बनेगा कौन नहीं बनेगा। उन्होंने कहा, ‘‘हालत यह थी कि रेलवे की भर्तियों में राजनीति होती थी, बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार होता था।’’ मोदी ने कहा, ‘‘इन सारी परिस्थितियों में बदलाव वर्ष 2014 के बाद आना शुरू हुआ है। सरकार पर राजनीतिक सौदेबाजी का दबाव हटा तो रेलवे ने भी चैन की सांस ली और नई ऊंचाई पाने के लिए दौड़ पड़ी।’’
गहलोत ने कार्यक्रम के बाद जारी बयान में कहा, ‘‘2014 से पूर्व के रेलमंत्रियों के कार्यकाल के फैसलों को भ्रष्टाचार एवं राजनीतिक स्वार्थ से प्रेरित बोलना दुर्भाग्यूर्ण है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘रेलवे का महत्व कम करने का प्रयास तो आपने अपने कार्यकाल में अलग रेलवे बजट को समाप्त कर किया है। आज आधुनिक ट्रेनें चल पा रही हैं क्योंकि डॉक्टर मनमोहन सिंह जी ने वित्त मंत्री के रूप में 1991 में आर्थिक उदारीकरण किया और नई तकनीक को भारत में विकसित होने का अवसर दिया।’’ उन्होंने तंज भरे शब्दों में कहा, ‘‘पूरी दुनिया में समय के साथ प्रौद्योगिकी आधुनिक हुई है, जिनसे भारत में भी नई तकनीक आई है और रेलवे में सुधार हुए हैं। यह कहना उचित नहीं है कि रेलवे में विकास कार्य 2014 के बाद ही हुए हैं।’’
गहलोत ने देश के पूर्व रेल मंत्री लाल बहादुर शास्त्री, जगजीवनराम, स्वर्ण सिंह, गुलजारी लाल नंदा, के हनुमानथईया, ललित नारायण मिश्र, कमलापति त्रिपाठी, मधु दंडवते, पीसी सेठी, एबीए गनीखान चौधरी, मोहसिना किदवई, माधवराव सिंधिया, जॉर्ज फर्नाडीस, जनेश्वर मिश्र, सीके जाफरशरीफ, रामविलास पासवान, नीतीश कुमार, राम नायक, ममता बनर्जी, मल्लिकार्जुन खरगे का नाम लेते हुए कहा, ‘‘इन सभी के कार्यकाल के फैसलों को भ्रष्टाचार एवं राजनीतिक स्वार्थ से प्रेरित बोलना दुर्भाग्यूर्ण है।’’ गहलोत ने कहा, ‘‘आज आपका (मोदी) भाषण पूरी तरह 2023-24 के विधानसभा एवं लोकसभा चुनावों को देखते हुए दिया है एवं यह भारतीय जनता पार्टी के चुनावी एजेंडे के रूप में था। मेरा मानना है कि आपकी ऐसी टिप्पणियां प्रदेशवासियों एवं देशवासियों के गले नहीं उतरेंगी।’’