गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की शनिवार रात यहां एक मेडिकल कॉलेज के पास अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी।
गोलीबारी की घटना कैमरे में दर्ज हुई है क्योंकि मेडिकल जांच के लिए पुलिस द्वारा दोनों को अस्पताल ले जाने के दौरान मीडियाकर्मी उनके साथ चल रहे थे। कम से कम दो व्यक्तियों को अहमद और उसके भाई पर करीब से गोली चलाते हुए देखा गया, जो गोली लगने के बाद जमीन पर गिर गए। हालांकि, पुलिस ने जल्द हमलावरों को पकड़ लिया।
सनसनीखेज हत्या के बाद इलाके में तनाव है। अहमद एवं अशरफ के गोलियों से छलनी शवों को मौके से हटा लिया गया है।
दोनों को 2005 के उमेश पाल हत्याकांड के सिलसिले में सुनवाई के लिए यहां लाया गया था।
झांसी में 13 अप्रैल को अहमद का बेटा असद और उसका एक साथी पुलिस मुठभेड़ में मारे गये थे। दोनों के शव को शनिवार सुबह दफनाया गया।
वही ,पुलिस टीम ने माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को लेकर आज कई जगहों पर छापेमारी की थी।
कड़ी सुरक्षा के बीच माफिया अतीक का बेटा असद सुपुर्द-ए-खाक
इससे पहले माफिया अतीक अहमद के बेटे असद का शव शनिवार को सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया है। असद का शव प्रयागराज के कसारी और मसारी कब्रिस्तान में सुपुर्द ए खाक किया गया। शव को दफनाने के दौरान असद के मां-बाप मौजूद नहीं हो पाए। इस दौरान डीएम संजय खत्री और पुलिस आयुक्त रमित शर्मा समेत बड़ी संख्या में अधिकारी कसारी-मसारी कब्रिस्तान में मौजूद रहे।
बेटे अतीक के जनाजे में माफिया अतीक शामिल नहीं हो पाया। उसके परिवार से कोई भी सदस्य शामिल नहीं हुआ। असद के नाना, मौसा और बुआ समेत कई अन्य करीबी रिश्तेदार जनाजे में शामिल हुए। संभावना जताई जा रही है कि अतीक की पत्नी और असद की मां शाइस्ता आज सरेंडर कर सकती है। वह भी इस हत्याकांड में आरोपी है।
प्रयागराज के एसीपी आकाश कुल्हारी ने कहा कि असद के परिवार के 20-25 करीबी मौके पर मौजूद रहे। असद के नाना ने असद को दफनाने की प्रक्रिया को अंजाम दिया। असद और उसके सहयोगी गुलाम को 13 अप्रैल को यूपी एसटीएफ ने एक मुठभेड़ में मार गिराया था।
वहीं, मेहंदौरी स्थित कब्रिस्तान में शूटर गुलाम हसन को दफनाया गया। इस दौरान वहां सैकड़ों की संख्या में लोग मौजूद रहे। असद के साथ मारे गए शूटर गुलाम की जनाजे की नमाज बीच सड़क पर अदा की गई। इस दौरान वहां सैकड़ों लोग मौजूद रहे। कई ने चेहरा भी ढक रखा था। इसके बाद गुलाम के शव को कब्रस्तिान में दफन किया गया। गुलाम के अंतिम संस्कार में उसके पिता ने हिस्सा लिया। उसकी पत्नी सना भी कब्रिस्तान में मौजूद रहीं, जबकि भाई राहिल हसन और अन्य परिजनों ने जनाजे में हिस्सा नहीं लिया।
गौरतलब हो कि बसपा के विधायक राजू पाल के हत्याकांड मामले के प्रमुख गवाह रहे उमेश पाल और उसके दो सुरक्षाकर्मियों की इसी साल 24 फरवरी को प्रयागराज में एक ताबड़तोड़ गोलियां चला कर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में वांछित अभियुक्त असद अहमद और गुलाम गुरुवार को झांसी में विशेष कार्य बल के साथ हुई मुठभेड़ में मारे गए थे। यह घटना उस समय हुई थी, जब अतीक और उसके भाई अशरफ अहमद की प्रयागराज की एक अदालत में पेशी हो रही थी।