पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने अनुशासन सुनिश्चित करने और शिकायतों का निवारण प्राथमिकता के आधार पर करने के लिए सभी सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को सुबह 9 बजे तक कार्यालय पहुंचने और जनता के लिए मौजूद रहने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री ने सरकारी कार्यालयों में पारदर्शिता लाने की आवश्यकता पर बल देते हुए अधिकारियों और कर्मचारियों को शिकायतों का प्राथमिकता से निस्तारण करने का भी निर्देश दिया।
सीएम चन्नी के हवाले से एक आधिकारिक बयान में कहा गया, “कार्यालयों में सभी सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए, प्रशासनिक सचिवों और विभाग प्रमुखों को सप्ताह में दो बार औचक निरीक्षण करना चाहिए ताकि उनके अधीन काम करने वाले कर्मचारियों पर नजर रखी जा सके।” पंजाब के पहले दलित मुख्यमंत्री चन्नी ने अपने दो विधायकों के साथ सोमवार को पद की शपथ ली।
सीएम चन्नी की अध्यक्षता में हुई पहली बैठक
बताते चलें कि मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के नेतृत्व में आज नए मंत्रिमंडल के साथ हुई पहली बैठक में 32,000 घरों के निर्माण और 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली इकाइयों के प्रावधान जैसी गरीबों की पहल पर चर्चा की। सोमवार रात एक बैठक में यह निर्णय लिया गया कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती के अवसर पर 2 अक्टूबर से इस तरह की गरीब समर्थक पहल शुरू की जाएगी।
बैठक में सभी को सस्ती गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य देखभाल और शिक्षा सुविधाएं प्रदान करने के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य के मुख्य क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देने पर जोर दिया गया। कैबिनेट ने आवास एवं शहरी विकास विभाग को 32,000 आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के घरों का निर्माण प्राथमिकता के आधार पर शुरू करने का निर्देश दिया। पात्र लाभार्थियों को ये मकान किफायती किश्तों में उपलब्ध कराए जाएंगे।