रूसी आक्रमण के कारण यूक्रेन में मानवाधिकारों की बिगड़ती स्थिति पर जांच का दायरा बढ़ाने के लिए प्रस्ताव पर गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) में मतदान किया गया। हालांकि भारत ने रूस के खिलाफ इस मतदान से परहेज किया। वहीं पाकिस्तान भी इसी स्टैंड पर रहा। भारत और पाकिस्तान समेत कुल 12 देशों ने रूस के खिलाफ मतदान नहीं किया।
यूएन के इस प्रस्ताव में यूक्रेन के कीव, खारकीव, चेर्निहाइव और सुमी शहरों में रूस द्वारा किए गए मानवाधिकारों के उल्लंघनों की जांच के लिए पहले से स्थापित जांच आयोग के लिए एक अतिरिक्त जनादेश की मांग की गई थी। हालांकि प्रस्ताव के पक्ष में 33 वोट पड़े जिससे इसे पारित कर दिया गया।
प्रस्ताव में रूस से अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों को उन लोगों तक निर्बाध पहुंच प्रदान करने का भी आग्रह किया, जिन्हें युद्ध प्रभावित क्षेत्रों से दूसरी जगह “स्थानांतरित” कर दिया गया है और कथित तौर पर रूसी क्षेत्र में रह रहे हैं। मास्को का दावा है कि इन लोगों ने अपनी स्वतंत्र इच्छा से रूस में प्रवेश किया।
अपने रुख पर कायम रहा भारत
विशेष सत्र के दौरान भारत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विश्व के नेताओं के साथ अपनी बातचीत में इसे दोहरा चुके हैं। इनमें रूसी संघ और यूक्रेन भी शामिल हैं। ये सही बात है कि इस संघर्ष से महिलाओं और बच्चों पर बहुत खराब प्रभाव पड़ा है और बड़ी संख्या में इन लोगों को पड़ोसी देशों में शरण लेनी पड़ी है।
बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे देश से विस्थापित हो गए। भारत ने कहा कि हमने यूक्रेन और उसके पड़ोसी देशों को मानवीय सहायता पहुंचाई है। भारत लगातार यूक्रेन के लिए दवाइयां व अन्य आवश्यक सामग्री भेज रहा है। भारत ने आगे अपनी बात रखते हुए कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के असर को पूरे क्षेत्र में महसूस किया जा सकता है।
इस स्थिति का असर क्षेत्र से बाहर भी पड़ा है। तेल की कीमतें आसमान छू रही हैं जबकि खाद्यान और उर्वरकों की कमी महसूस होने लगी है। हम यूक्रेन में लोगों के मानवाधिकारों का सम्मान और सुरक्षा किए जान की अपील करते हैं।
पहले भी रूस के खिलाफ प्रस्ताव पर वोट करने से परहेज कर चुका है भारत
भारत यूक्रेन पर अटैक को लेकर यूएन में रूस के खिलाफ लाए गए प्रस्तावों पर पहले भी वोट करने से परहेज कर चुका है। इसी क्रम में भारत ने एक बार फिर से मतदान से पहले हुई चर्चाओं में भाग लिया और यूक्रेन में लोगों के मानवाधिकारों के सम्मान और संरक्षण का आह्वान किया और “मानव अधिकारों के वैश्विक प्रचार और संरक्षण के लिए अपनी प्रतिबद्धता” को दोहराया।