रूस और यूक्रेन में जारी भीषण युद्ध के आज 22 दिन हो चुकें हैं और कई इलाकों में रूसी सेना ताबड़तोड़ हमले कर रही है। पुतिन की सेना राजधानी कीव में रिहायशी इलाको में बमबारी की है। इसके अलावा यूक्रेन ने दावा किया है कि, रूस की सेना ने मारियुपोल शहर में एक शेल्टर पर भी बमबारी की है जिसमे लोग अपनी जान बचाने के लिए छिपे हुए थे। वही दूसरी तरफ अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) ने रूस को यूक्रेन में हमले रोकने का आदेश दिया है। हालांकि कोर्ट के आदेश के बाद भी रूस ने अपने हमलों नहीं रोके हैं, इस बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने कहा है कि, हम हार नहीं मानेंगे।
अमेरिका ने किया फैसले का स्वागत
अंतरराष्ट्रीय न्यायालय द्वारा रूस को दिए आदेश का अमेरिका ने स्वागत किया है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने इसे एक महत्वपूर्ण फैसला करार देते हुए कहा कि आईसीजे ने रूस को अपने सैन्य अभियान रोकने का स्पष्ट रूप से आदेश दिया है। आईसीजे के अध्यक्ष अमेरिकी न्यायाधीश जोन ई. डोनोग्यू ने आईसीजे से कहा, रूसी संघ को 24 फरवरी को यूक्रेन के क्षेत्र में शुरू किए अपने सैन्य अभियानों को तुरंत रोकना चाहिए। भारतीय न्यायाधीश दलवीर भंडारी ने रूस के खिलाफ मतदान किया था। अदालत के आदेश का 13 न्यायाधीशों ने समर्थन किया, जबकि दो ने इसके खिलाफ मतदान किया। खिलाफ मत देने वालों में रूस के उप-राष्ट्रपति किरिल गेवोर्गियन और चीन के न्यायाधीश ज़ू हानकिन शामिल हैं।
यूक्रेन ने अतंराष्ट्रीय कोर्ट में दी थी युद्ध को रुकवाने की दी थी दलील
प्राइस ने कहा, हम अदालत के आदेश का स्वागत करते हैं और रूसी संघ से आदेश का पालन करने, यूक्रेन में अपने सैन्य अभियानों को तुरंत रोकने और यूक्रेन में निर्बाध मानवीय पहुंच स्थापित करने का आह्वान करते हैं। उन्होंने कहा कि, संयुक्त राष्ट्र चार्टर के तहत विवादों के शांतिपूर्ण समाधान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली अदालत ने अपने फैसले में देशों के युद्ध के कानूनों सहित अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत अपने दायित्वों के अनुरूप कार्य करने की आवश्यकता पर बल दिया है। यूक्रेन ने दो हफ्ते पहले अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) से हस्तक्षेप करने का आग्रह करते हुए दलील दी थी कि रूस ने यूक्रेन पर नरसंहार करने का झूठा आरोप लगाकर और इसे मौजूदा आक्रमण के बहाने के रूप में इस्तेमाल करके नरसंहार रोकने संबंधी 1948 की एक संधि का उल्लंघन किया।
यूएनएससी में बैठक बुलाने का किया आग्रह
कोर्ट के आदेश के अलावा ब्रिटेन, अमेरिका और फ्रांस सहित छह देशों ने यूक्रेन की स्थिति को लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की बैठक बुलाने का आग्रह किया है। संयुक्त राष्ट्र में ब्रिटेन के स्थायी मिशन ने यह जानकारी दी है। मिशन ने ट्वीट कर कहा, ब्रिटेन, अल्बानिया, फ्रांस, आयरलैंड, नॉर्वे और अमेरिका ने यूक्रेन को लेकर सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाने का आह्वान किया है। रूस युद्ध अपराध कर रहा है और नागरिकों को निशाना बना रहा है। यूक्रेन पर रूस का अवैध युद्ध हम सभी के लिए खतरा है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सूत्र ने बताया कि बैठक गुरूवार देर रात हो सकती है। सूत्र ने बताया बैठक यूक्रेन में मानवीय समस्याओं पर केंद्रित होगी। इस बीच अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को ‘युद्ध अपराधी’ बताया है।