उत्तर प्रदेश के चुनावों में डेब्यू कर रही विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) न केवल आगामी विधानसभा चुनाव लड़ रही है, बल्कि निषाद पार्टी के साथ जाति की राजनीति में जगह बनाने के लिए भी कड़ी मेहनत कर रही है। वीआईपी अध्यक्ष और बिहार के मंत्री मुकेश साहनी को निषाद पार्टी को निश्चित बढ़त मिलने का भरोसा है। उन्होंने कहा कि निषाद पार्टी समुदाय के लिए अनुसूचित जाति का दर्जा पाने के लिए भाजपा के साथ अपने गठबंधन का इस्तेमाल कर सकती थी। लेकिन, उन्होंने अपने लिए एक एमएलसी सीट, अपने बेटे के लिए एक एमपी सीट प्राप्त की और उस समुदाय को पीछे छोड़ दिया।
BJP के साथ गठबंधन को लेकर हुई अनबन
साहनी के वीआईपी बिहार में एनडीए का हिस्सा हैं, लेकिन उन्होंने उत्तर प्रदेश में अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि हम बहुत स्पष्ट थे कि ‘आरक्षण नहीं तो गठबंधन नहीं’। हम चाहते थे कि बीजेपी हमें यूपी में निषाद उप-जातियों के लिए एससी आरक्षण पर आश्वासन दे। लेकिन कोई आश्वासन नहीं दिया गया था।
यह पूछे जाने पर कि क्या इससे बिहार में भाजपा के साथ उनके संबंधों पर असर पड़ेगा, साहनी ने कहा कि मैं यह नहीं कह सकता कि बिहार में हमारे लिए भविष्य क्या है, लेकिन हम चाहते हैं कि वहां की सरकार अपना कार्यकाल पूरा करे और नीतीश कुमारी मुख्यमंत्री बने। गठबंधन के नियम हैं लेकिन हर कोई चुनाव लड़ने के लिए स्वतंत्र है।
UP चुनाव में अकेले उतर रही VIP
उत्तर प्रदेश में वीआईपी उम्मीदवार 165 सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं। बता दें कि उत्तर प्रदेश में 7 चरणों में चुनाव होंगे। यूपी में इन चरणों के तहत 10 फरवरी, 14 फरवरी, 20 फरवरी, 23 फरवरी, 27 फरवरी, 3 मार्च और 7 मार्च को मतदान होगा। 10 मार्च को चुनाव के नतीजे आएंगे। साथ ही पहले चरण की शुरूआत पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों से होगी और धीरे-धीरे कारवां बढ़ते हुए पूर्वी उत्तर प्रदेश पर जाकर समाप्त होगा। यूपी में इस बार भी चुनाव पिछली बार की तरह वेस्ट यूपी से शुरू होंगे। वहीं आखिरी चरण पूर्वांचल में होगा, पहले चरण में 58 और आखिरी चरण में 64 विधानसभा सीटों में वोटिंग होगी।