भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी मंगलवार को कोरोना वायरस (कोविड-19) से पहली मौत हो गई है। वहीं सिंध प्रांत में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या बढ़कर 155 हो गई है, जिसके साथ ही संपूर्ण देश में यह संख्या 189 पहुंच गई।दुनियाभर के लगभग 116 देशों में कोरोना का कहर जारी है। वायरस से विश्वभर में 5833 की मृत्यु और 155086 लोग संक्रमित है।
अधिकारी ने बताया कि सिंध में 155, खैबर पख्तूनख्वा में 15, बलोचिस्तान में 10, गिलगित बाल्तिस्तान में पांच, इस्लामाबाद में दो और पंजाब में 1 व्यक्ति में संक्रमण की पुष्टि हुई है। सिंध सरकार के प्रवक्ता मुर्तजा वहाब ने मंगलवार को ट्वीट किया, “सख्खर में अब तक 119 मरीज संक्रमित पाए गए हैं जबकि 115 लोगों में संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई।
Following is the update of #COVIDー19 affected people in Sindh as of 11 AM on 17.03.2020:
Positive =36
Cured=2
Under treatment =34Zaaireen Sukkur
Total tests conducted 234
Negative 115
Positive 119Grand Total 155
— SenatorMurtaza Wahab (@murtazawahab1) March 17, 2020
इसके अलावा प्रांत में 36 लोग संक्रमित पाए गए हैं जिनमें से 34 का इलाज चल रहा है और दो स्वस्थ हो गए हैं।” एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने वहाब के हवाले से खबर दी कि प्रांतीय अधिकारियों ने सिंध प्रांत में कोरोना वायरस के पांच नये मामलों की पुष्टि की जिसके साथ ही देश में कोविड-19 मामलों की संख्या 189 पर पहुंच गई।
खबर में बताया गया कि ताफ्तान में पृथक रखे गए धार्मिक यात्रियों की संख्या 9,000 से अधिक है। ये सभी ईरान से लौटे थे और बलोचिस्तान की सरकार ने इन्हें ‘टेंट शहर’ में पृथक रखा है। पृथक रहने की 14 दिन की अवधि समाप्त होने के बाद तीर्थयात्रियों को उनके शहर लौटने की इजाजत दी गई।
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सिंध और खैबर पख्तूनख्वा प्रांत ने उन्हें आगे की यात्रा की अनुमति देने से पहले सख्खर और डेरा इस्माईल खान के पृथक केंद्रों में भेज कर जांच करवाई। सिंध के मुख्यमंत्री मुराद अली शाह ने संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि तीर्थयात्रियों को तफ्तान में सही से अलग नहीं रखा गया और उन्हें साथ रखा गया। इस बीच, सरकार वैश्विक महामारी से निपटने के लिए कदम उठा रही है।
पंजाब प्रांत के अधिकारियों ने सभी सरकारी विश्वविद्यालय के छात्रावासों को तत्काल प्रबंध के तौर पर पृथक केंद्र में तब्दील कर दिया है। स्वास्थ्य पर प्रधानमंत्री के सलाहकार डॉ जफर मिश्रा ने कहा कि सभी शैक्षणिक संस्थानों को बंद कर दिया है और कर्मचारियों को संस्थान के भीतर आने से रोक दिया है।