उत्तर प्रदेश के कानपुर एनकाउंटर का मुख्य आरोपी विकास दुबे अभी तक पुलिस की पहुंच से दूर है। आरोपी की तलाश को 100 घंटे से ज्यादा का समय हो चुका है। वहीं इस मामले में एक के बाद एक नए खुलासे हो रहे हैं। चौबेपुर थाने के एक दरोगा ने स्वीकार किया है कि एक दिन पहले विकास ने फोन कर कहा था कि अपने थानेदार को समझा लो, अगर बात बढ़ी तो बिकरू गांव से लाश ही उठेगी।
विकास दुबे ने वारदात से एक दिन पहले थाने के एक दरोगा को फोन करके पुलिसवालों को जान से मारने की धमकी दी थी। धमकी ही नहीं उसने इसको अंजाम भी दिया। दरोगा का कहना है कि दो जुलाई को शाम चार बजे फोन आया और तुरंत थानेदार को सूचना दी थी।
विकास दुबे की तलाश में जुटी पुलिस की 50 टीमें, चौबेपुर थाने में 10 कॉन्स्टेबल का हुआ तबादला
साथ ही यह भी कह दिया था कि उसकी बीट बदल दी जाए। अब वह बिकरू गांव की बीट नहीं देख सकता। इसके बाद बीट दरोगा कृष्ण कुमार शर्मा (केके शर्मा) को सस्पेंड कर दिया गया। इस पूरे मामले में पुलिस ने अभी तक 4 लोगों को गिरफ्तार किया है।
कानपुर एनकाउंटर में चौबेपुर पुलिस स्टेशन के पुलिसकर्मियों जांच के दायरे में है, सभी से पूछताछ चल रही है। चौबेपुर पुलिस स्टेशन में 10 पुलिसकर्मियों को स्थानान्तरित किया गया है। विकास दुबे को इस दबिश के बारे में जानकारी देने के संदेह में सोमवार को तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है।
गौरतलब है कि गुरुवार देर रात कानपुर के चौबेपुर थाना क्षेत्र के गांव बिकरू निवासी दुर्दांत अपराधी विकास दुबे को पकड़ने पहुंची पुलिस टीम पर हमला कर दिया गया था जिसमें एक क्षेत्राधिकारी एक थानाध्यक्ष समेत आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे।