उत्तर प्रदेश के बांदा जिले की नदियों में हो रहे रेत (बालू) के अवैध खनन के खिलाफ किसान अब जल्द ही सड़कों पर उतरेंगे। बुंदेलखंड किसान यूनियन के केंद्रीय अध्यक्ष विमल शर्मा ने रविवार को यह घोषणा की। शर्मा ने आईएएनएस से कहा, ‘एक तरफ जिलाधिकारी काशी की तर्ज बांदा की केन नदी में आरती करवाने की कवायद कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ बालू माफिया भारी भरकम मशीनों से केन नदी का सीना चीरकर बालू का अवैध खनन कर रहे हैं और उनके ओवरलोड ट्रक बिना रवन्ना किसानों के उनकी फसलें चौपट कर रहे हैं। ‘उन्होंने आरोप लगाया कि केन, बागै और रंज नदी में पुलिस और राजस्व अधिकारियों की सह पर अवैध खनन किया जा रहा है।
शर्मा ने बताया कि नरैनी क्षेत्र के बरकोला गांव की रंज नदी में पिछले पंद्रह दिनों से चार जेसीबी मशीनों से बालू का खनन जारी है, लेकिन सूचना के बाद भी अधिकारी हस्तक्षेप करने की जरूरत नहीं समझ रहे। किसान नेता ने कहा कि गुरुवार की रात पांडादेव गांव में अवैध बालू भरे ट्रक ने प्रेमा नामक बुजुर्ग महिला किसान को रौंद डाला, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। फिर भी वहां अवैध खनन बंद नहीं कराया गया।
शर्मा ने कहा कि जिला प्रशासन को अवैध खनन बंद करने और ओवरलोड ट्रकों के गुजरने से ध्वस्त हुई सड़कों को दुरुस्त करने की दस दिन की मोहलत दी गई है, इसके बाद किसान जगह-जगह सड़क जाम कर अवैध खनन बंद कराने की मुहिम छेड़ेंगे।
उधर, जिला मुख्यालय से सटे कनवारा गांव की ग्राम प्रधान अनुराधा की अगुआई में शनिवार को कमिश्नर को दिए संयुक्त हस्ताक्षरित ज्ञापन में पांच दर्जन किसानों ने बालू के अवैध खनन पर रोक न लगाने पर आंदोलन करने की चेतावनी दी है।