लुधियाना-श्री आनंदपुर साहिब : नानकशाही कैलेंडर ने अब होले महल्ले पर विवाद खड़ा कर दिया है। शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी और निहंग सिंह संगठनों ने खालसाई जाहो-जलाल से प्रत्येक वर्ष मनाए जाने वाला पावन दिन होले महल्ले की घोषणा कर दी है। इस घोषणा के साथ ही सिख संगत में ओह-पोह की स्थिति बनी हुई है।
दरअसल शिरोमणि कमेटी इस बार भी समूची सिख कौम को इकटठा करने में कामयाब नहीं हो सकी, इसके लिए अब शिरेामणि कमेटी और निहंग सिंह संगठनों द्वारा होली के अगले दिन सजने वाले होला महल्ले सजाएंगे।
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शिरोमणि कमेटी के मुताबिक 15 मार्च की आधी रात को होला महल्ला गुरूद्वारा आनंदगढ़ साहिब से नगाड़े बजाने के साथ हो जाएंगा जबकि 16 -17 -18 मार्च को कीरतपुर साहिब और 19-20-21 मार्च को श्री आनंदपुर साहिब में मनाया जाना है। शिरेामणि कमेटी नानकशाही कैलेंडर के मुताबिक महल्ला सजाएंगी जबकि पंथ में गुरूघर की लाडली फौजों के नाम से विख्यात निहंग सिंह फौजें प्राचीन सिख रीति-रिवाजों के मुताबिक 22 मार्च को महल्ला सजाएंगे।
इस बारे में श्री अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि अगर किसी कारण कोई दिन या तारीख में अंतर आता है तो उस त्रुटि को भविष्य में दूर करने का यत्न किया जाएंगा। केसगढ़ साहिब के जत्थेदार रघुबीर सिंह ने कहा कि महल्ला 21 मार्च का है लेकिन निहंग सिंह 22 मार्च को निकालने पर अडिंग है।
एसजीपीसी अध्यक्ष भाई गोबिंदसिंह लोंगोवाल ने कहा कि इस अंतर को संवाद द्वारा हल कर लिया जाएंगा जबकि दूसरी तरफ निहंग बुडढा दल के प्रमुख बाबा बलबीर सिंह 96 करोड़ी ने बताया कि गुरू साहिब के वक्त से चली आ रही प्रथा के मुताबिक पूर्णमाशी के अगले दिन महल्ला सजते है। उसके मुताबिक यह तारीख 22 मार्च बनती है। इस संबंध में निहंग जत्थेबंदियों के अलग-अलग प्रमुख बाबा अवतार सिंह सुरसिंह वाले, बाबा निहाल सिंह हरियावेला ने भी चर्चा के उपरांत जत्थेदार केसगढ़ साहिब को अवगत करवा दिया।
– सुनीलराय कामरेड