लुधियाना-बठिंडा : जिसका अंदेशा पंजाब के सियासी पंडितों को पहले से ही था, वैसा ही आज पंजाब की तीसरी बड़ी सियासी पार्टी, आम आदमी पार्टी के अंदर बठिण्डा कनवेंशन के दौरान हुआ। हालांकि पिछले कुछ समय के दौरान आम आदमी पार्टी की पंजाब इकाई कई धड़ों और समूहों में बट चुकी है।
भारी समर्थन मिलने के बावजूद किसी भी पूर्व आप नेता की शख्सीयत में दम नहीं था कि वह केजरीवाल के विरूद्ध बगावत का झंडा बुलंद कर सकें किंतु इस बार सुखपाल सिंह खैहरा के बागी तेवरों ने आप हाई कमान अरविंद केजरीवाल को अपने आधा दर्जन से अधिक विधायकों के दम पर चुनौती देते हुए बठिण्डा के थर्मल कालोनी स्थित मैदान में 6 प्रस्ताव पारित कर ऐलान किया कि भविष्य में पंजाबी ही आम आदमी पार्टी को चलाएंगे।
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पंजाबी एकता जिंदाबाद के नारों के अंतर्गत खुद मुख्तयारी की मांग को मजबूत करते हुए 2022 के विधानसभा चुनावों के लिए नई पार्टी बनाने का संकेत देते हुए खैहरा ने स्वयं को बतौरे मुख्यमंत्री के रूप में पेश करते हुए ऐलान किया कि अगर पंजाबिकयों ने उनका डटकर साथ दिया तो आने वाले वक्त में हमख्याली पार्टियों के साथ मजबूत गठबंधन बनाकर पंजाब के भविष्य की नई तस्वीर पेश करेंगे।
उन्होंने स्वयं पंजाब में आप को नए तरीके से खड़ा किए जाने की घोषणा भी की। कन्वेंशन में आप के संगठन को भंग करने का प्रस्ताव भी पारित किया गया। कन्वेंशन में खैहरा को नेता प्रतिपक्ष से हटाने के निर्णय को खारिज करते हुए विधायक दल का नया नेता चुनने की मांग की गई।
इसके अतिरिक्त सुखपाल खैहरा ने पंजाब के मालवा इलाके का भारी समर्थन देखकर उत्साहित होते हुए पंजाब के हितों के लिए खुद मुख्तयारी लेने का आहवान किया। इसके साथ ही खैहरा ने जयकारों की गूंज में यह भी कहा कि अगर पंजाब के लोग उनका साथ देंगे तो तीन साल पहले बहिबल कलां और बरगाड़ी कांड के समस्त आरोपियों को जेल की सखीचो के पीछे बंद कर दिया जाएंगा।
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उन्होंने कहा कि कैप्टन सरकार के खिलाफ आवाज उठानी शुरू की तो उन्हें साजिश के तहत नेता प्रतिपक्ष के पद से उन्हें हटा दिया गया। खैहरा ने आप हाई कमान के इदगिर्द मंडरा रहे चुनिंदा नेताओं की तरफ इशारा करते हुए कहा कि कुछ नेताओं को लगा कि खैहरा का पंजाब में सियासी कद बड़ा हो रहा है और उसको किनारा करो। उन्होंने राज्य भर का दौरा कर तीसरा विकल्प पैदा करने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि राज्य मे ईमानदार नेताओं, लोगों व युवाओं को आगे लाकर आम आदमी पार्टी को नए रूप में खड़ा करेंगे।
कन्वेंशन में सुखपाल सिंह खैहरा और कंवर संधू के साथ कई विधायक मौजूद रहे। कन्वेंशन में आप के सात विधायक पहुंचे। अनुमान है कि कन्वेंशन में करीब 20,000 आप वालंटियर्स अब तक पहुंचे। खैहरा ने कन्वेंशन में आप नेतृत्व के संग प्रदेश की कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार पर भी हमला किया। उन्होंने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह किसी भी तरीके से मुझे जेल में भेजना चाहते हैं। उन्होंने शिरोमणि अकाली दल को महान पार्टी बताया, लेकिन बादल परिवार पर जमकर हमले किए।
उन्होंने आप नेतृत्व पर हमला करते हुए कहा कि पंजाब के लोगों के संग एनआरआइज ने भी काफी भरोसा किया। मैं उनको विश्वास दिलाना चाहता हूं कि पंजाब में कांग्रेस और शिअद-भाजपा को छोडक़र तीसरी शक्ति या सरकार की सरकार बनेगी। उन्होंने राज्य के विभिन्न मुद्दों को उठाते हुए कहा, श्री दरबार साहिब में माथा टेकने के बाद वह पूरे राज्य का दौरा शुरू करेंगे। उन्होंने कहा, राज्य के सभी 22 जिलों में जाएंगे और लोगों से बातकर राज्य में तीसरी शक्ति व तीसरी पार्टी को खड़ा करेंगे। उन्होंने कन्वेंशन में पंजाबी एकता का नारा दिया।
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उन्होंने कहा, मनीष सिसोदिया कहते हैं कि खैहरा कभी कांग्रेस व शिअद के खिलाफ नहीं बोलता है। उन्होंने लोगों से कहा, मैं आपसे पूछता हूं कि खैहरा ने कांग्रेस व शिअद-भाजपा के खिलाफ बोला कि नहीं। खैहरा ने कहा कि मुझे किसी तरह से किनारा करने की साजिश है। मैंने कांग्रेस व शिअद-भाजपा के खिलाफ आवाज उठाना शुरू किया और कैप्टन सरकार की नींद हराम करनी शुरू की तो साजिश कर मुझे नेता प्रतिपक्ष पद से हटा दिया गया। उन्हें लगा खैहरा की आवाज दबा देंगे, लेकिन उनकी भूल है। मैं चुप नहीं होने वाला।
कन्वेंशन में आप के विधायक जयदेव सिंह कमालू, नाजर सिंह मानशाहिया, बलदेव सिंह, पिरमल सिंह खालसा, जगतार सिंह जग्गा प्रमुख रूप से मौजूद रहे। कन्वेंशन में नेताओं में आप विधायक कंवर संधू, नाजर सिंह मानशाहिया सहित अन्य नेताओं ने भी संबोधित किया। नेताओं ने आप नेतृत्व द्वारा पंजाब में लिए जा रहे फैसलों पर सवाल उठाए। कन्वेंशन के लिए सुबह से ही आप नेताओं व वालंटियर्स का आना शुरू हो गया था।
इस कन्वेंशन के साथ ही आम आदमी पार्टी में टकराव अब सीधे मैदान में पहुंच गया है। आप के असंतुष्ट विधायकों का नेतृत्व कर रहे सुखपाल खैहरा ने कन्वेंशन के माध्यम से पार्टी नेतृत्व को खुली चुनौती दे दी है। ऐसे में अब अरविंद केजरीवाल के अगले कदम पर भी निगाहें जम गई हैं। बता दें कन्वेंशन को किसी तरह रोकने के लिए आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने शक्ति प्रदर्शन से चंद घंटे पहले पंजाब के सभी आप विधायकों को दिल्ली बुला लिया था। इसके बाद खैहरा ने स्पष्ट कहा था, ‘कन्वेंशन तो होकर रहेगी। दिल्ली में बैठे आप नेता भले ही अब कोई भी फैसला करें, कोई फर्क नहीं पड़ता।
– सुनीलराय कामरेड