दिल्ली की जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार अब राष्ट्रीय राजनीति में हाथ आजमाने जा रहे हैं। खबर है कि कन्हैया 2019 में लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। कन्हैया कुमार बिहार की बेगूसराय लोकसभा सीट से सीपीआई के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे। कन्हैया कुमार बेगूसराय से महागठबंधन के एक उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ेंगे। कन्हैया को बेगूसराय से लड़वाने को लेकर सभी वामपंथी पार्टी एकमत हैं।
सूत्रों के मुताबिक आरजेडी चीफ लालू प्रसाद यादव और उनके बेटे तेजस्वी प्रसाद यादव जो बैकफुट से बिहार में महागठबंधन को लीड कर रहे हैं, कन्हैया कुमार को टिकट को राजी हैं। कांग्रेस के साथ बातचीत के बाद ये लोग बेगूसराय सीट से कन्हैया कुमार को मौका देना चाहते हैं, जो 2016 में जेएनयू में हुए घटनाक्रम के बाद चर्चा में आए थे।
बिहार सीपीआई के महासचिव सत्यनारायण सिंह ने कहा कि कन्हैया को बेगूसराय से चुनाव लड़वाने को लेकर वामपंथी दलों के बीच पटना से दिल्ली तक में एक राय बन चुकी है। उन्होंने बताया कि बेगूसराय लोकसभा सीट से कन्हैया महागठबंधन के घटक दल आरजेडी, कांग्रेस, हम और वामपंथी पार्टियों के साझा उम्मीदवार होंगे। ये पूछे जाने पर कि क्या कन्हैया की बेगूसराय से उम्मीदवारी पर आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से बात हो चुकी है। इसको लेकर सत्यनारायण सिंह ने कहा कि सैद्धांतिक तौर पर लालू ने बेगूसराय से कन्हैया को उम्मीदवार बनाने का समर्थन किया है। हालांकि इस को लेकर अभी कोई औपचारिक बातचीत या घोषणा नहीं हुई है।
बेगूसराय सीट पर बीजेपी का कब्जा
फिलहाल बेगूसराय लोकसभा सीट पर बीजेपी का कब्जा है। 2014 लोकसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार भोला सिंह यहां से चुनाव जीते हैं। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी आरजेडी उम्मीदवार तनवीर हसन को तकरीबन 58000 वोटों से हराया था। कन्हैया मूल रूप से बेगूसराय के बरौनी प्रखंड स्थित बीहट पंचायत के निवासी हैं। बीहट पंचायत को इलाके में मिनी मॉस्को के तौर पर भी जाना जाता है। गौरतलब है कि जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष रहते हुए फरवरी 2016 में कन्हैया कुमार देशद्रोही नारे लगाने के आरोप में गिरफ्तार हुए थे। हालांकि कन्हैया जमानत पर हैं।