इस्लामाबाद: पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने निर्वाचन अधिनियम 2017 के उस प्रावधान को लाहौर हाईकोर्ट में चुनौती दी है, जिसने पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को पनामा पेपर्स मामले में अयोग्य ठहराए जाने के बावजूद पाकिस्तान मुस्लिम लीग -नवाज (पीएलएल-एन)का प्रमुख बनने का मार्ग प्रशस्त किया है। पाकिस्तान के अखबार डॉन में आज प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, बार एसोसिएशन के सचिव आफताब अहमद बाजवा की ओर से दाखिल याचिका में दलील दी गई है कि सुप्रीम कोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 62 और 63 के तहत उन्हें अयोग्य ठहराया था। उन्होंने कहा कि श्री शरीफ को पार्टी का अध्यक्ष बनाया जाना ही असंवैधानिक है।
श्री बाजवा ने कहा कि यदि कोई संवैधानिक कानून के तहत सांसद नहीं बन सकता, तो वह निश्चित रूप से किसी राजनीतिक दल का प्रमुख या पदाधिकारी भी नहीं बन सकता। उन्होंने कहा कि यह स्थापित सिद्धांत है कि जो कार्य सीधे तौर पर नहीं किया जा सकता, वह परोक्ष रूप से भी नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि पीएमएल-एन के अध्यक्ष के रूप में श्री शरीफ का चुनाव न्याय और निष्पक्ष कानून के सिद्धातों का मजाक है। पनामा पेपर्स मामले में सुप्रीम कोर्ट के गत 28 जुलाई के अयोग्य करार देने के फैसले के बाद श्री शरीफ ने अपनी पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्हें इस माह की शुरूआत में फिर से पार्टी प्रमुख चुना गया।