दिल्ली की एक अदालत ने एक महिला को नशीला पदार्थ देकर उसे साथ बलात्कार करने के आरोपी को यह कह कर रिहा कर दिया कि वह लिव-इन रिलेशन में थे और उनके बीच शारीरिक संबंध आपसी सहमति से बने थे। एडिशनल सत्र न्यायाधीश रमेश कुमार ने व्यक्ति को बरी कर दिया। व्यक्ति पर शादी का झूठा वादा करके महिला के साथ बलात्कार करने का आरोप था। उन्होंने कहा कि महिला पहले से शादीशुदा थी इसलिए आरोपी ने उसे गुमराह किया हो यह सवाल ही पैदा नहीं होता।
न्यायाधीश ने कहा, महिला के अनुसार उसने अपने पति से तलाक नहीं लिया था और वह अब भी शादीशुदा थी इसलिए आरोपी द्वारा उससे विवाह का झूठा वादा करके गुमराह करने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता। महिला की गवाही से भी यह साफ़ है कि आरोपी और महिला लिव-इन संबंध में थे। अभियोजन पक्ष के अनुसार महिला की शिकायत पर सीता राम शर्मा के खिलाफ IPC की धाराओं 328 और 376 के तहत एक जनवरी 2015 को FIR दर्ज की गई थी।
महिला ने आरोप लगाया गया था कि 31 दिसंबर 2014 को सीता राम ने कुछ नशीला पदार्थ मिलाकर उसे कॉफी पिलाई और उसके साथ बलात्कार किया। आरोपी ने अपने वकील प्रशांत दीवान के जरिए इन आरोपों को खारिज किया था और दावा किया था कि उसने महिला के लिए किराए पर मकान लिया था और वह साथ रह रहे थे लेकिन वह उससे पैसा लेना चाहती है, इसलिए उसने इसे इस मामले में फंसाया। अदालत ने आरोपी के दावे को स्वीकार किया और महिला की कहानी को झूठा बताया।
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