नई दिल्ली: वर्ल्ड हॉकी लीग मे भारतीय टीम के प्रदर्शन से नाराज़ देश के हॉकी प्रेमी अपनी टीम के क्वार्टर फाइनल प्रवेश से खुश नहीं हैं और हॉकी जानकार और पूर्व खिलाड़ी तीन मैचों में दो हार और एक ड्रॉ खेलने वाली भारतीय टीम को बुरा भला कह रहे हैं। कुछ हॉकी प्रेमी तो यहाँ तक कह रहे हैं कि ऐसी टीम को अगले दौर में खेलने का हक नहीं है। अपनी मेजबानी, अपने लोगों के बीच और अपने माहौल में खेलने वाली टीम का हाल यह है कि उसने पहले मैच में आस्ट्रेलिया से ड्रॉ खेला और तत्पश्चात इंग्लैंड और जर्मनी से परास्त हुई।
अपने पूल में मात्र एक अंक के साथ चौथे और आखिरी स्थान पर रहने वाली टीम के अगले दौर में प्रवेश को हैरानी से देखा जा रहा है। नियमानुसार ग्रुप की दो टाप टीमों को ही आगे प्रवेश मिलना चाहिए। लेकिन जब भाग लेने वाली सभी आठ टीमें आगे जा रही हैं तो सीधा सा मतलब है कि नियमों में गड़बड़ है और राउंड राबिन के आयोजन का कोई औचित्य नहीं रह जाता। अब भारत का मुकाबला दूसरे ग्रुप की नंबर एक टीम से होगा। मान लीजिए यदि भारतीय टीम या अन्य फिसड्डी टीम जीत जाती है तो खेल के साथ अन्याय नहीं होगा।
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(राजेंद्र सजवान)