जब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हम 2022 का यूपी चुनाव लड़ेंगे, इस पर यूपी सरकार के कई मंत्रियों ने उन्हें दिल्ली के स्कूलों के मॉडल बनाम यूपी स्कूलों के मॉडल पर बहस के लिए चुनौती दे दी। उनकी इस चुनौती को स्वीकारते हुए दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया ने कहा कि मैं 22 दिसंबर को लखनऊ आऊंगा। बताइए बहस के लिए कौन आएगा।
उत्तर प्रदेश में 2022 में चुनाव होने हैं और राजनीतिक दलों का दूसरे राज्यों में चुनाव लड़ने की बात कोई नई नहीं है। अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के चुनावी रण में खम ठोकने को तैयार है। ऐसा नहीं है कि आम आदमी पार्टी कोई पहली बार दिल्ली से बाहर चुनाव लड़ रही है।
इससे पहले आप ने उत्तराखंड में होने वाले चुनाव के लिए सूबे की सभी 70 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने की घोषणा की है। नवंबर 2012 में आम आदमी पार्टी के गठन के बाद से अबतक केजरीवाल दिल्ली में जीत की हैट्रिक लगा चुके हैं। दिल्ली के विधानसभा चुनाव में केजरीवाल का जादू किस कदर सिर चढ़कर बोलता है इसका दो बार के परिणाम से पता चलता है। लेकिन जब भी बात दिल्ली से बाहर की हो तो केजरीवाल और उनकी पार्टी ने कोशिश और दावे दोनों भरपूर किए लेकिन पार्टी को वो सफलता हासिल नहीं हुई जो सफलता राजधानी दिल्ली से प्राप्त हुई है।
केजरीवाल ने प्रेस काॅन्फ्रेंस करके सवाल उठाए कि अगर दिल्ली में सुविधाएं तैयार की जा सकती हैं तो उत्तर प्रदेश में ऐसा क्यों नहीं हो सकता है। देश के सबसे बड़े राज्य में अच्छी सुविधाएं क्यों नहीं हो सकती है। केजरीवाल ने कहा कि यूपी की जनता अब पुरानी राजनीति से त्रस्त हो गई है और आम आदमी पार्टी के साथ खड़ी होगी।