सत्ता की मलाई क्या होती है?इस बारे में सभी की अलग – अलग राय होती है लेकिन इस मलाई के विषय में जब भी बात होती है तो अधिकतर नकारत्मक पहलू सामने आते है जिसका परिणाम किसी घोटाले या भ्रष्टाचार के रूप में होता है।सत्ता में अपने पद का दुरुपयोग कर अपने लोगो को निजी लाभ देना भी सत्ता की मलाई का स्वाद लेना जैसा ही है।किसी भी प्रकार के आरोप को सही या गलत सिद्ध करना ये तो जाँच का विषय है। सिर्फ आरोप के आधार पर किसी को सही या गलत नहीं ठहराया जा सकता।
सीबीआई ने बिहार से दिल्ली सहित नौ जगहों पर छापेमारी की
जमनी के बदले नौकरी घोटाले के मामले में जनता दल के नेताओ – विधायकों के यहां सीबीआई ने बिहार के पटना और आरा में नौ जगह छापेमारी की। जेडयू विधायक किरण देवी और पूर्व विधायक अरुण यादव से कथित जमीन के बदले घोटले के सिलसिले में तलाशी ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई ) ने कथित घोटाले में नोएडा , दिल्ली और गुरुग्राम में राज्यसभा सांसद प्रेम चाँद गुप्ता के परिसरों पर भी छपेमारी की। सीबाई ने कथित जमीन के बदले नौकरी घोटाले के संबंध में दायर अपने आरोप पत्र में कहा था की भर्ती के लिए मध्य रेलवे ने भारतीय रेलवे के निर्धारित मानदंडों और प्रक्रियाओ की अनदेखी करते हुए उम्मीदवारों की अनियमित नियुक्तियां की। प्रतिफल के रूप में, उम्मीदवारों ने प्रत्यक्ष रूप से या अपने निकट संबंधियों/परिवार के सदस्यों के माध्यम से, लालू प्रसाद यादव (तत्कालीन केंद्रीय रेल मंत्री) के परिवार के सदस्यों को अत्यधिक रियायती दरों पर एक-चौथाई से लेकर एक-पांचवें तक जमीन बेची।
जांच में रेलवे के पूर्व बड़े अधिकारी सहित ये नाम आये सामने
जांच एजेंसी ने आगे कहा जांच से पता चला है कि जिस दौरान लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री थे 2007-08 के बीच उस समय गांव-महुआबाग, पटना और गांव-कुंजवा, पटना में स्थित भूमि पार्सल का अधिग्रहण करने के इरादे से थे , जो स्थित उसके परिवार के सदस्यों के पहले से ही स्वामित्व वाली भूमि पार्सल के निकट; अपनी पत्नी राबड़ी देवी, बेटी मीशा भारती, मध्य रेलवे के अधिकारी सौम्या राघवन तत्कालीन महाप्रबंधक, कमल दीप मैनराय, तत्कालीन मुख्य कार्मिक अधिकारी, और गांव-महजबाग, पटना और गांव-बिंदौल के निवासियों के साथ एक आपराधिक साजिश में शामिल, बिहटा, पटना व पटना सिटी नामत: राज कुमार सिंह, मिथलेश कुमार, अजय कुमार, संजय कुमार, धर्मेंद्र कुमार, विकास कुमार, अभिषेक कुमार, रवींद्र रे, किरण देवी, अखिलेश्वर सिंह, रामाशीष सिंह।
घोटाला तब हुआ जब लालू प्रसाद यादव 2004 से 2009 के बीच रेल मंत्री थे
सीबीआई के अनुसार, बाद में सभी उम्मीदवारों को स्थानापन्न के रूप में उनकी सगाई के बाद नियमित कर दिया गया। रेलवे में नियुक्ति दिलाने के एवज में लालू प्रसाद यादव ने प्रत्याशियों और उनके परिवार के सदस्यों के स्वामित्व वाली जमीनों को अपनी पत्नी राबड़ी देवी और मीशा भारती के नाम पर विक्रय प्रतिफल के लिए दिलवा दिया, जो मौजूदा सर्किल दरों से काफी कम थी. प्रचलित बाजार दर।सीबीआई ने नौकरी के बदले जमीन घोटाले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्रियों लालू प्रसाद, राबड़ी देवी, उनकी बेटी मीसा भारती और 13 अन्य के खिलाफ पिछले साल अक्टूबर में चार्जशीट दायर की थी।कथित घोटाला तब हुआ जब यादव 2004 से 2009 के बीच रेल मंत्री थे। चार्जशीट में राजद नेता के अलावा तत्कालीन रेलवे महाप्रबंधक का नाम भी शामिल है।