पटना, (पंजाब केसरी): राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रवण कुमार अग्रवाल ने कहा कि पूर्व कृषि मंत्री राजद विधायक सुधाकर सिंह के द्वारा बिहार में शासन व्यवस्था पर सवाल उठाये जाने और वर्तमान महागठबंधन सरकार के मंत्रियों की हैसियत और स्थिति चपरासी बताये जाने और उनके इस बयान से यह जाहिर होता है कि वर्तमान राज्य सरकार और गठबंधन में संघर्ष की स्थिति बनी हुई है, जिस तरह आये दिन राजद के विधायक और राजद के कई वरीय नेता नीतीश कुमार के कार्यशैली और उनके राज्य में भ्रष्ट अफसरशाही और भ्रष्ट अफसरों पर हमलावर है इससे स्पष्ट होता है कि सरकार कि आयु लंबी नही है इस सरकार में अंदरखाने में सब कुछ ठीक ठाक नहीं चल रहा है। बिहार में विकास की गति रुक गयी हैै। पार्टी प्रवक्ता श्रवण अग्रवाल ने कहा कि जिस तरह 2020 में चुनाव परिणाम के बाद एनडीए गठबंधन में जनता दल यू तीसरे नम्बर की पार्टी के स्थान पर पहुँच गयी थी इसके बाद भी देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी और भारतीय जनता पार्टी ने 2020 के चुनाव के पूर्व ही किये गये वायदे को निभाते हुए नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाया और उसके बाद जिसतरह जनता दल यू ने जनादेश के साथ भ्रष्टाचार किया और जनादेश का अपमान किया और देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने यहां तक कहा था कि नीतीश बाबू गिने चुने समाजवादियों में एक सच्चे समाजवादी हैं उसके ठीक विपरीत नीतीश कुमार जी अपने सिंद्धातों और विचारधारा और डाॅ लोहिया जयप्रकाश कर्पूरी ठाकुर के सिद्धांत से अलग हटकर राजद के साथ जाकर सरकार उन्होनें बनाया और जिस राष्ट्रीय जनता दल के आंतक और जंगलराज से मुक्ति दिलाने की मुहिम की शुरुआत 1994 के समय जार्ज फर्नाडीस जैसे नेता के नेतृत्व में समता पार्टी का निर्माण कर संघर्ष का शुरूआत की थी। जार्ज साहब जैसे और भी नेताओं के संघर्ष और त्याग और बलिदान की तिलांजली नीतीश बाबू ने देकर राष्ट्रीय जनता दल के साथ हाथ मिला लिया और जिस तरह इनदिनों ललन सिंह देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के प्रति अपशब्दों का प्रयोग कर रहे हैं लगता है ललन सिंह राजद और अपने समता पार्टी के समय के पुराने साथी शिवानंद तिवारी जी के साथ मिलकर आश्रम भेजने की तैयारी पूरी कर चुके हैं। पार्टी प्रवक्ता श्रवण कुमार अग्रवाल ने कहा कि बिहार विधानसभा के गोपालगंज और मोकामा के उपचुनाव के परिणाम निश्चित रूप से एनडीए के पक्ष में होगा और भाजपा प्रत्याशी दोनों जगह से भारी बहुमत से जीतेंगे और दोनों सीट के परिणाम के बाद राजद और जनता दल यू में संघर्ष होना तय है और इस सरकार का पतन का परिणाम यह दोनों उपचुनाव में साबित होगा।