पटना : देश और बिहार में सभी जाति के लोग अपने ही समाज के महापुरूषों को याद किया करते हैं जब देश को आजादी मिली तब सभी जाति-धर्म के लोगों ने अहम भूमिका निभाया। इसलिए मेरा मानना है कि इस दायरा को समाप्त किया जाये। हमने राष्ट्रीय महापुरूष स्मृति आयोजन समिति का गठन किया गया है। ये बाते आज बिहार के पूर्व मंत्री नरेन्द्र सिंह ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कही उन्होंने कहा कि अगले महीने 16 फरवरी, 2019 को महाराणा प्रताप एवं भामा साह की जयंती धूमधाम से मनाया जायेगा। इस आयोजन में देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को बुलाने के लिए विचार कियाजा रहा है।
इसके अलावा अनेक अतिथि भी शामिल होगे। उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप, भामा साह के साथ शहीद भगत सिंह, उद्यम सिंह, डा. भीमराव अम्बेडकर, राजेन्द्र प्रसाद, राम मनोहर लोहिया, जननायक कर्पूरी ठाकुर, लोक नायक जयप्रकाश नारायण, राजगुरू, चन्द्रशेखर आजाद, वीर कुंवर सिंह, खुदीराम बोस, नेता जी सुभाष चन्द्र बोस एवं अनेक महापुरूषों का जयंती मनाते रहेंगे। चाहे वह किसी भी जाति, धर्म का हो, इससे हमलोगों को कोई मतलब नहीं है। हम सभी जाति, धर्म के महापुरूषों का जयंती एवं पुण्यतिथि मनाने का कार्य करेंगे। श्री सिंह ने कहा कि देश में जब से भाजपा की सरकार आयी है सभी चीजों को निजीकरण करना चाहता है।
मैं हिन्द मजदूर सभा का अध्यक्ष भी हॅू। इसलिए मेरा दायित्व है निजीकरण का विरोध करना, रेलवे कमासुत विभाग है इसे भी निजीकरण किया जा रहा है। सुनने में आया है कि रेलवे, पटरी, प्लेटफार्म और टिकट चेकर सभी को निजीकरण किया जा रहा है जिसका मैं पुरजोर विरोध करता हॅू। भाजपा सरकार आते ही रेलवे को नुकसान की तरह देखता है और दूसरी सरकार इसे मुनाफ की तरह देखता है। रेल नफा-नुकसान को नहीं देखता है। यह आजादी की तरह लोगों का मानचित्र है।
रेलवे जनमानस के लिए सबसे बड़ा उपयोग का साधन है। रेलवे का निजीकरण करना आम लोगों को ठेंस पहुंचाने जैसी होगी। इसलिए देश के आम जनमानस ईट से ईट बजा देगी। वहीं सवर्ण आरक्षण मुद्दे पर श्री सिंह ने कहा कि आठ लाख के आमदनीसे 12 लाख आदमनी किया जाये और आठ एकड़ जमीन वालों को इस दायरे में लायाजाये।
क्योंकि 12 लाख आमदनी कोई अधिक नहीं है इसलिए अगर इस दायरे में आयेंगे तभी आर्थिक रूप से आरक्षण कामयाब होगा। एक प्रश्न के जवाब में कहा कि मैं एमपी का चुनाव लडऩे को तेयार हॅू पार्टी मुझे बांका या अन्य जगह से लड़ाये। जमुई सुरक्षित सीट है इसलिए मुझे बांका से लड़ाया जाये, क्योंकि बांका के लिए हमने बहुत काम किया है। पहला प्राथमिकता बांका ही है इसके अलावे पार्टी जहां से लड़ाना चाहे वहां से मैं लडऩे को तैयार हॅू।