पटना : जन अधिकार पार्टी लो. (जाप) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मधेपुर के पूर्व सांसद पप्पू यादव ने शुक्रवार को पत्रकारों से कहा कि कोरोना वायरस महामारी के कारण सारे व्यापार पिछले तीन महीने से बंद हैं। ऐसे में बिजली बिल, होल्डिंग टैक्स और लोन के किश्तों को माफ किया जाना चाहिए। छोटे और मंझोले व्यापारियों को सबसे ज्यादा दिक्कतों का सामना कर रहे हैं। इन्हें राहत पहुचानें के लिए अलग से व्यवस्था की जानी चाहिए। स्कूल बंद हैं लेकिन फिर भी फीस लिया जा रहा हैं। छात्रों का तीन महीनों का फीस, हॉस्टल और रूम रेंट माफ करना चाहिए। अगर जनता को राहत नहीं दी गई तो हम शनिवार 13 जून को बिहार के हर जिले में शाम 6 बजे मशाल जुलूस निकालेंगे।
जाप अध्यक्ष ने मांग की कि, दारोगा और सिपाही भर्ती में हुई अनियमितता की जांच जल्द से जल्द होनी चाहिए और दो हफ्तों के भीतर सरकार इसका परिणाम जारी करें। साथ ही एसटीईटी की परीक्षा को रद्द करने के फैसले को वापस लिया जाना चाहिए। राज्य के थिएटर और नुक्कड़ नाटक से जुड़े कलाकारों पर आजीविका का संकट आ गया है। इन्हें 7,000 रुपये की आर्थिक सहायता मुहैया कराई जानी चाहिए।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए पप्पू यादव ने कहा कि नीतीश कुमार न तो पटना बाढ़ के दौरान घर से बाहर निकले और न ही कोरोना काल में। जनता जब सड़क पर भोजन और पानी के लिए भटक रही थीं तब भी वे जनता का हाल जानने बाहर नहीं निकले। जब दूसरे राज्य अपने छात्रों और मजदूरों को वापस ला रहे थे तो उन्होंने बिहार के मजदूरों को वापस लाने से मनाकर दिया था। और कहा था कि जो जहां है वो वहीं रहे। उन्हें गरीबों और मजदूरों की कोई चिन्ता नहीं हैं। आगे जाप अध्यक्ष ने सवाल किया कि बिहार वापस लौटे 37 लाख प्रवासी मज़दूरों के रोजगार के लिए राज्य सरकार क्या कर रही है? नीतीश कुमार अपने 15 वर्षों के शासन का हिसाब दें।