पटना : जनतांत्रिक विकास पार्टी ने कैमूर के रामगढ़ की दलित परिवार की बेटी शशिकला कुमारी की हत्या में मामले में जल्द गिरफ्तारी की मांग की और पुलिस पर हत्या को आत्महत्या का मामला बनाने का आरोप भी लगाया। आज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल कुमार ने पटना स्थित पार्टी कार्यालय में आयोजित संवाददाता के दौरान कहा कि दलित समाज से आने वाली रामगढ़ प्रखण्ड के बड़ौरा ग्राम निवासी परमात्मा राम की बेटी शशिकला कुमारी की बलात्कार के बाद निर्मम हत्या बेहद शर्मनाक और दुखद है। साथ ही इस मामले में नीतीश कुमार की पुलिस का रवैया भी निराशाजनक है।
पुलिस इस हत्याकांड के मुख्य आरोपी मनोज सिंह को बचाने के लिए सत्ताधारी दल के नेताओं के इशारे पर काम कर रही है। इसलिए जनतांत्रिक विकास पार्टी शशिकला की हत्या में मुख्य आरोपी मनोज सिंह की 3 दिनों के अंदर गिरफ्तारी की मांग करती है। अगर आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया गया, तो रामगढ़ की बेटी को न्याय दिलाने के लिए जनतांत्रिक विकास पार्टी धरना – प्रदर्शन करेगी। रामगढ़ में इस हत्याकांड के पजिनों से मुलाकात कर आये अनिल कुमार ने कहा कि बड़ौरा हत्याकांड का मुख्य आरोपी मनोज सिंह ग्राहक सेवा केंद्र चलाता है, जहां शशिकला कुमारी का भी अकाउंट है। 3 जनवरी को शशिकला कुमारी के पिता ने 4000 हजार रूपये भेजे थे, जिसकी निकासी गलत तरीके से मनोज सिंह ने की और उसे गलत जानकारी दी। इस दौरान वह बैंक जाती रही है।
लेकिन जब मनोज ने पैसे देने से मना कर दिये, तब लड़की ने हिम्मत दिखाते हुए थाने में एफआईआर दर्ज कराई। बाद में मनोज ने बड़ी चालाकी से थाने में लड़की के साथ केस मैनज कर लिया और लड़की को थाने ले जाकर केस वापस करवा लिया। इसके बाद लड़की की लाश रेलवे ट्रेक से मिली, जिसे आनन फानन में एसपी द्वारा आत्महत्या बता करा मामले को रफा दफा करने की कोशिश लगातार की जा रही है। लेकिन हम जानना चाहते हैं कि ऐसी कौन सी वजह थी कि केस वापस लेने के बाद महज 25 मिनट में शशिकला की लाश रेलवे ट्रेक पर मिली? उन्होंने इस मामले में प्रशासन की भूमिका को संदिग्ध बताया और कहा कि वे सत्ताधारी रसूख वालों के इशारे पर काम कर रही है और पीडित के परिजनों को प्रताडि़त भी कर रही है।
उन्होंने कहा कि लड़की की लाश रख ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया। इस दौरान कुछ असामाजिक तत्वों ने थाने में आग लगा दी, जिसको पुलिस ने पीडि़त परिजनों से जोड़ दिया। इस मामले में पुलिस ने लड़की के चाचा देव राम, विनोद राम और शमीम अख्तर को गिरफ्तार कर लापता कर दिया है। वहीं, लड़की के पिता को इतना मारा है कि वो चलने में असहाय है। पुलिस इस मामले को आत्महत्या का मामला बता पल्ला झाड़ने की लगातार प्रयास कर रही है और इसके लिए उस परिवार पर दवाब भी बना रही है।
हद तो तब हो गई, जब हम पीडि़त परिजनों से मिलकर उस गांव से वापस आ रहे थे। पुलिस ने हमें रोका और कहा कि धारा 144 के कारण हमारी गिरफ्तरी हो गई है। जबकि हकीकत में वहां धारा 144 लगा ही नहीं है। उन्होंने कहा कि इस घटना से नीतीश कुमार की पुलिस बेनकाब हो गई और उनका दलित प्रेम भी उजागर हो गया है। इसलिए हम पूछना चाहते हैं कि क्या सिर्फ नारों से बेटी बचेगी या बेटी पढ़ पाएगी? क्या डबल इंजन की सरकार में बेटियों को खास कर दलित व पिछड़े वर्ग से आने वाली बच्चियां बचेंगे? जनतांत्रिक विकास पार्टी बिहार की दलित बेटी शशिकला कुमारी को न्याय दिलाकर ही दम लेगी।