भारतीय अर्थव्यवस्था में अप्रैल-जून तिमाही में 23.9 प्रतिशत की भारी गिरावट, लॉकडाउन का व्यापक असर - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

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भारतीय अर्थव्यवस्था में अप्रैल-जून तिमाही में 23.9 प्रतिशत की भारी गिरावट, लॉकडाउन का व्यापक असर

कोविड-19 संकट के बीच देश की अर्थव्यवस्था में चालू वित्त वर्ष 2020-21 की अप्रैल-जून तिमाही में 23.9 प्रतिशत की भारी गिरावट आयी है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने पहली तिमाही के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़े सोमवार को जारी किए।

कोविड-19 संकट के बीच देश की अर्थव्यवस्था में चालू वित्त वर्ष 2020-21 की अप्रैल-जून तिमाही में 23.9 प्रतिशत की भारी गिरावट आयी है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने पहली तिमाही के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़े सोमवार को जारी किए। इन आंड़ो में जीडीपी में भारी गिरावट दिखी है। 
सकल घरेलू उत्पाद में इससे वर्ष 2019-20 की इसी तिमाही में 5.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। सरकार ने कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिये 25 मार्च को पूरे देश में ‘लॉकडाउन’ (बंद) लगाया था। इसका असर अर्थव्यवस्था पर पड़ा है। केंद्र ने 20 अप्रैल से धीरे-धीरे आर्थिक गतिविधियों को मंजूरी देनी शुरू की। 
ज्यादातर रेटिंग एजेंसियों और विशेषज्ञों ने देश के जीडीपी में 2020-21 में गिरावट का अनुमान जताया है। इस बीच, चीन की अर्थव्यवस्था में अप्रैल-जून तिमाही में 3.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई है जबकि जनवरी-मार्च, 2020 तिमाही में 6.8 प्रतिशत की गिरावट आयी थी। 
वहीं, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण तीन सितंबर को बैंक और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) के साथ एक अहम बैठक करने वाली है। बैठक कोविड-19 से जुड़े वित्तीय दबाव के समाधान के लिए एक बारगी कर्ज पुनर्गठन योजना के क्रियान्वयन से पहले हो रही है।
उनकी इस बैठक का मकसद योजना का सुचारू और तेजी से क्रियान्वयन सुनिश्चित करना है। वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘समीक्षा के दौरान इस बात पर गौर किया जाएगा कि आखिरकार किस तरह से कारोबारियों और लोगों को व्यवहार्यता के आधार पर पुनरुद्धार संबंधी व्‍यवस्‍था का सही ढंग से उपयोग करने में सक्षम बनाया जाए। 
समीक्षा के दौरान विभिन्‍न आवश्यक कदमों जैसे कि बैंक नीतियों को अंतिम रूप देने और कर्जदारों की पहचान करने के साथ-साथ उन मुद्दों पर भी चर्चा की जाएगी जिन्हें सुचारू एवं शीघ्र कार्यान्वयन के लिए सुलझाना अत्‍यंत आवश्यक है।’’ इसमें कहा गया है कि वित्त मंत्री गुरुवार को अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों और एनबीएफसी के शीर्ष प्रबंधन के साथ ‘बैंक ऋणों में कोविड-19 संबंधी दबाव को लेकर समाधान व्यवस्था’ के क्रियान्वयन की समीक्षा करेंगी।

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