नई दिल्ली : सरकार ने रोजगार सृजन को अपनी प्राथमिकता घोषित करते हुए सूक्ष्म, लघु एवं मझौले मंत्रालय के लिए 3794 करोड़ रुपए का आवंटन किया है जिसमें प्रधानमंत्री मुद्रा योजना में खासा जोर दिया गया है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संसद में वित्त वर्ष 2018- 19 का आम बजट पेश करते हुए कहा कि यह राशि ऋण, पूंजी, ब्याज सब्सिडी और नवावार पर खर्च की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार ने पिछले तीन साल के दौरान रोजगार के अवसर सृजित करने पर जोर दिया है और असंगठित क्षेत्र में 70 लाख से अधिक रोजगार के अवसर सृजित किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार अगले तीन साल तक सभी क्षेत्रों के कर्मचारी भविष्य निधि में नए कर्मचारियों का 12 प्रतिशत योगदान जारी रहेगा। इसके अलावा छोटे कारोबार की गैर निष्पादित परिसंपत्तियों से निपटने की जल्दी घोषणा करेगी। जेटली ने कहा कि 250 करोड़ रुपए तक कारोबार करने वाली कंपनियों का कंपनी कर 30 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत कर दिया गया है। इससे छोटे कारोबार की लगभग 99 प्रतिशत कंपनियों को लाभ होगा और उनको रोजगार के लिए अतिरिक्त पूंजी उपलब्ध होगी। बजट में प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत आगामी वित्त वर्ष के लिए तीन लाख करोड़ रुपए का आवंटन किया है।
उन्होंने बताया कि मुद्रा योजना बहुत सफल हुई है और इससे स्वरोजगार में वृद्धि हुई है। अगले वित्त वर्ष के लिए अपना रोजगार शुरू के इच्छुक छोटे उद्यमियों को तीन लाख करोड़ रुपए ऋण के रूप में दिए जाएंगे इस योजना के तहत नए और पुराने उद्यमियों को 50 हजार से लेकर पांच लाख रुपए तक का ऋण उपलब्ध कराया जाता है। मुद्रा योजना के तहत मिले ऋण में मूलधन चुकाने में छूट के अलावा ब्याज में भी रियायत दी जाती है।
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