राजधानी में बनेंगी 22 नई कमर्शियल व 18 स्‍थाई फास्ट ट्रैक - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

राजधानी में बनेंगी 22 नई कमर्शियल व 18 स्‍थाई फास्ट ट्रैक

दिल्ली की अदालतों में केसों की पेंडेंसी समाप्त करने के उद्देश्य से दिल्ली सरकार ने 18 स्थायी फास्ट ट्रैक कोर्ट और 22 नई कमर्शियल कोर्ट बनाने का निर्णय लिया है।

नई दिल्ली : दिल्ली की अदालतों में केसों की पेंडेंसी समाप्त करने के उद्देश्य से दिल्ली सरकार ने 18 स्थायी फास्ट ट्रैक कोर्ट और 22 नई कमर्शियल कोर्ट बनाने का निर्णय लिया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को हरी झंडी दिखाई गई। कानून विभाग की ओर से कैबिनेट में पेश किये गये इस प्रस्ताव के अनुसार दिल्ली हायर ज्यूडिशियल सर्विसेज में कमर्शियल जज के रूप में 22 जजों की नियुक्ति होगी। इसके अलावा इन कोर्ट में अधिनस्थ स्टाफ की नियुक्ति भी की जाएगी। 
जज एवं स्टाफ की कुल संख्या 212 होगी। इन कोर्ट के निर्माण एवं स्टाफ की सैलेरी आदि पर लगभग 13 करोड़ 55 लाख 90 हजार का सालाना खर्च आएगा। इसके अलावा कैबिनेट ने 18 स्थायी फास्ट ट्रैक कोर्ट सैटअप करने के प्रस्ताव को भी स्वीकृति दे दी। इसके अनुसार दिल्ली हायर ज्यूडिशियल सर्विस में 18 एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज (एडीजे) की नियुक्ति की जाएगी। साथ ही फास्ट ट्रैक कोर्ट के लिए स्वीकृत 90 प्रतिशत अनुबंधित पोस्टों को स्थायी पोस्ट में बदलने के निर्णय को कैबिनेट ने मंजूरी दी। इसके अलावा यहां 86 अधिनस्थ स्टाफ की नियुक्ति की जाएगी। इन सभी पर लगभग आठ करोड़ 88 लाख 45 हजार की धनराशि खर्च की जाएगी। 
यहां बता दें कि 11 वें वित्त आयोग ने लंबित मामलों के निपटान के लिए विभिन्न राज्यों में 1734 अदालतों की स्थापना के उद्देश्य से संविधान के अनुच्छेद 275 के तहत 502 करोड़ रुपये आवंटित किए थे। हालांकि वित्त आयोग ने दिल्ली में फास्ट ट्रैक अदालतों की स्थापना के किसी भी प्रस्ताव को शामिल नहीं किया था। दिल्ली सरकार ने इस मामले को केन्द्रीय कानून और न्याय मंत्रालय के सामने उठाया। इसके बाद मंत्रालय ने वित्तीय वर्ष 2003-04 में दिल्ली सरकार को गैर-नियोजित अनुदान के रूप में पांच वर्षों की अवधि के लिए 20 फास्ट ट्रैक कोर्ट की स्थापना के लिए धनराशि जारी की। 
11 वें वित्त आयोग का कार्यकाल वर्ष 2005 में समाप्त हो गया लेकिन इसके बाद 12 वें वित्त आयोग ने भी दिल्ली में फास्ट ट्रैक अदालतों के लिए कोई धनराशि आवंटित नहीं की। 2005 में अस्थायी आधार पर क्रिएट की गई 20 न्यायाधीशों और 95 सहायक कर्मचारियों के पद की नियुक्ति का मामला साल-दर-साल आगे बढ़ता रहा। और दिल्ली कैबिनेट द्वारा शुक्रवार को लिए गये निर्णय से पहले ऐसे ही जारी रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

three × 1 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।