दिल्ली हाई कोर्ट ने गुरुवार को ट्यूब प्रक्रिया से एयर ट्रैफिक कंट्रोलर (एटीसी) की श्वांस विश्लेषण जांच की अनुमति दे दी, जिसे कोविड-19 महामारी के चलते रोक दिया गया था। हाई कोर्ट ने इस जांच पर रोक लगाने के 23 मार्च के अपने अंतरिम आदेश में संशोधन करते हुए कहा कि डीजीसीए मेडिकल बोर्ड की 16 जून की सिफारिशों को मानने के लिए बाध्य है।
हाई कोर्ट ने पिछले आदेश में संशोधन और चिकित्सा सेवा महानिदेशालय (डीजीएमएस) की मेडिकल रिपोर्ट को कार्यान्वित करने की अपील करने से संबंधित नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) की अर्जी स्वीकार कर ली। डीजीएमएस के मेडिकल बोर्ड की सिफारिशों के अनुसार एक मशीन से एक ही व्यक्ति की जांच की जाएगी और अगले 12 घंटे तक इसे दोबारा इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।
कोर्ट ने कहा कि एटीसी और यात्रियों के हित को संतुलित करने के साथ ही इस बात पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए कि वर्तमान में पायलटों की भी चरणबद्ध तरीके से श्वांस विश्लेषण जांच की जा रही है। यह आवेदन एयर ट्रैफिक कंट्रोलर्स गिल्ड (इंडिया) की लंबित याचिका के तहत दिया गया था।
कोर्ट में गिल्ड का प्रतिनिधित्व पीयूष सांघी और खुशबू साहू कर रहे हैं। आवेदन में नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) को वायरस के प्रसार को रोकने के लिए ट्यूब प्रक्रिया के माध्यम से जांच करने पर अस्थायी रूप से पाबंदी लगाने का निर्देश देने की अपील की गई थी।