राज्यसभा में सोमवार का पूरा दिन दिल्ली सेवा बिल के नाम पर समर्पित रहा. गुरुवार को लोकसभा से पारित होने के बाद इस बिल को आज राज्यसभा में पेश किया गया. जहां पूरे दिन इस पर चर्चा हुई और यह बिल पारित हो गया. दिल्ली सेवा बिल के पक्ष में 131 वोट डाले गए तो इसके विरोध में विपक्षी सासंदों की ओर से सिर्फ 102 वोट पड़े. अब इस बिल पर राष्ट्रपति की मुहर लगना बाकी है. इसके बाद यह कानून बन जाएगा.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन नहीं है बिल: शाह
राज्यसभा में दिल्ली सेवा बिल पर बहस का जवाब देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि वह सबूत देंगे कि यह विधेयक किसी भी एंगल से सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन नहीं करता है. यह विधेयक दिल्ली पर मौजूदा केंद्र सरकार के अध्यादेश को बदलने का प्रयास है.
अमित शाह ने बताया क्यों लाया गया बिल
गृह मंत्री ने कहा, ”मैं जो बिल लेकर आज उपस्थित हुआ हूं वो महामहिम राष्ट्रपति जी के 19 मई 2023 को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में सेवाओं के प्रशासन और प्रबंधन से जुड़े अध्यादेश, जो उन्होंने प्रख्यापित किया था, उस अध्यादेश से बनी हुई व्यवस्था के स्थान पर विधि द्वारा बनी हुई व्यवस्था को प्रस्थापित करने के लिए बिल लाया हूं. ये इसका मूल उद्देश्य है.”
उन्होंने कहा, ”मैं सारी बातों का डिटेल जवाब दूंगा कि बिल क्यों लाना पड़ा, अध्यादेश लाने की जल्दी क्या थी, ये बिल कैसे संविधान सम्मत है, ये बिल कैसे सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट को किसी भी एंगल से, किसी भी तरह से उल्लंघन नहीं करता है, इन सारी चीजों का मैं जरूर जवाब दूंगा.