राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) में नए नियम के मुताबिक साल 2030 से फूड डिलीवरी, कैब सर्विस और ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों का इस्तेमाल किया जाएगा। दिल्ली सरकार (Delhi Government) के परिवहन विभाग द्वारा नए “मोटर व्हीकल एग्रीगेटर मसौदा नीति” (Motor Vehicle Aggregator Draft Policy) में यह बात कही गई है। ड्राफ्ट पॉलिसी के मुताबिक 1 अप्रैल 2030 तक सभी कैब कंपनियों, ऑनलाइन फूड डिलीवरी और ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों को अपने बेड़े में शामिल करना बहुत ही आवश्यक है।
2030 तक दिल्ली में बढ़ेगा इलेक्ट्रिक वाहनों का दबदबा
बता दें कि इस नियम का उल्लंघन करने पर यानी इलेक्ट्रिक वहां कि जगह पारम्परिक पेट्रोल या डीजल से चलने वाले वाहन पाए जाते हैं तो प्रति वाहन ₹ 50,000 का जुर्माना लगाया जाएगा, बता दें कि दिल्ली सरकार ने इस नीति को लेकर 3 हफ्ते के अंदर जनता से फीडबैक मांगा है। इसके साथ ही कैब ड्राइवर्स के यात्रियों के साथ दुर्व्यवहार करने की बढ़ती शिकायतों को ध्यान में रखते हुए इस मसौदे में नए प्रावधानों को जोड़ा गया है।
कैब ड्राइवर्स को लेकर जारी हुए कई दिशा-निर्देश
कैब एग्रीगेटर कंपनी को यात्रियों के साथ बुरा बर्ताव करने वाले ड्राइवर्स के बारे में ब्यौरा रखना होगा और उनके खिलाफ सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं उपभोक्ताओं द्वारा की गई सभी शिकायतों का ठीक तरह से ब्यौरा रखा जाएगा, 1 महीने के अंदर अगर किसी ड्राइवर के खिलाफ 15 फीसदी या इससे ज्यादा शिकायत दर्ज होती है तो कंपनी को ड्राइवर के खिलाफ कार्रवाई करनी होगी। अगर किसी ड्राइवर को सालभर में 3.5 से कम रेटिंग मिली है तो उन्हें जरूरी प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए।
ड्राइवर्स की रेटिंग्स और शिकायतों का ब्यौरा चेक करेगा परिवहन विभाग
कैब एग्रीगेटर को परिवहन विभाग में सभी ड्राइवर्स की रेटिंग और उनके खिलाफ आईं शिकायतों की रिपोर्ट को जमा कराना होगा। जिसका परिवहन विभाग के अधिकारीयों द्वारा निरक्षण किया जाएगा, इस नए मसौदे में परिवहन सेवा देने वाले एग्रीगेटर्स के लिए लाइसेंस और अन्य पहलुओं पर भी कई दिशा-निर्देश शामिल किए गए हैं। साथ ही योजना की अधिसूचना के तीन साल पूरे होने के बाद एग्रीगेटर्स द्वारा यात्री परिवहन के लिए सवार सभी नए तिपहिया वाहन केवल इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर होंगे।