Delhi Service Bill में कैसे फेल हुए अरविंद केजरीवाल, इंडिया गठबंधन पड़ा कमजोर - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

Delhi Service Bill में कैसे फेल हुए अरविंद केजरीवाल, इंडिया गठबंधन पड़ा कमजोर

दिल्ली सर्विस बिल को लेकर लगातार दो गुटों में हंगामा चल रहा था । दिल्ली सरकार इस बिल के विरोध में थी और केंद्र सरकार इस बिल के पक्ष में थी।दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल नें दिल्ली सर्विस बिल के लिए विपक्ष को एक जुट करके तैयारी भी की थी सिर्फ इस बिल की खातिर वो न जाने कितने राज्यो के नताओं से मिले।

दिल्ली सर्विस बिल  को लेकर लगातार दो गुटों में हंगामा चल रहा था । दिल्ली सरकार इस बिल के विरोध में थी और केंद्र सरकार इस बिल के पक्ष में थी।दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल नें दिल्ली सर्विस बिल के लिए विपक्ष को एक जुट करके तैयारी भी की थी सिर्फ इस बिल की खातिर वो न जाने कितने राज्यो के नताओं से मिले।
इंडिया गठबंधन का लिया था साथ
इसके बाद उन्होंने सर्विस बिल का विरोध करने के लिए इंडिया गठबंधन को मना लिया पर इतनी मेहनत करने के बाद भी सीएम अरविंद केजरीवाल हार गए। और दोनों ही सदनों में बिल पास हो गया। तो चलिए आज इसी पर बात करेंगे की जिस बिल का दिल्ली सरकार इतना विरोध कर रही थी वो पास कैसे हुआ।
इस वजह से केजरीवाल सर्विस बिल पर हारे
लोकसभा में तो केंद्र सरकार के पास बहुमत के बाराबर  सांसद थे इसलिए अरविंद केजरीवाल को पता था कि लोकसभा में ये बिल पास हो जाएगा पर राज्यसभा में  बीजेपी के पास सांसद कम है इसलिए वो बिल पास नहीं करवा पाएंगे लेकिन नवीन पटनायक और आंध्र प्रदेश सरकार के सांसदों के सपोर्ट से बीजेपी ने इस बिल को पास करवा लिया। जिसके बाद अरविंद केजरीवाल  समर्थन होते हुए भी राज्यसभा में बुरी तरह हार गए।
सर्विस बिल क्यों लाया गया
इसके बाद अब ये बिल राष्ट्रपती की मुहर के हाद कानून बन जाएगा। राज्यसभा में सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार संशोधन विधेयक 2023 पर लंबी बहस चर्चा हुई थी। इस बीच  गृहमंत्री अमित शाह के ने बिल को लेकर अपनी बात रखी। इसके बाद  उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने सोमवार रात 10 बजे इस पर वोटिंग शुरू कराई।
पक्ष में पड़े थे 131 वोट
ऑटोमैटिक मशीन खराब होने के कारण वोटिंग के लिए पर्ची का इस्तेमाल किया गया। सर्विस बिल के समर्थन में 131 वोट पड़े और विपक्ष के खाते में केवल 102 का नंबर ही दर्ज हो पाया।  लोकसभा में 3 अगस्त को ध्वनिमत से यह बिल पास हो गया था  । दोनों ही  सदनों में बिल पास हो चुका है  अब राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद यह बिल कानून बन जाएगा।
 बिल पूरी तरह से संविधान की भावना के अनुरूप – शाह
इस बिल के पास होने के गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि दिल्ली सर्विस बिल पूरी तरह से संविधान की भावना के अनुरूप है। वहीं केजरीवाल ने बिल का विरोध करते हुए कहा कि मैं जो भी करता हूं दिल्ली की जनता उसका समर्थन करती है। उन्होंने मुझे चुनाव में जीत दिलाकर अपना समर्थन दिखाया है।  बीजेपी सिर्फ हमारे अच्छे काम को रोकने की कोशिश कर रही है।  वे विकास कार्यों में बाधा डाल रहे हैं. वे मुझे काम करने से रोकने की कोशिश कर रहे हैं।  इस बार जनता उन्हें कोई सीट नहीं जीतने देगी।
दिल्ली सरकार क्यों कर रही थी विरोध
आपको बता दे शुरु से ही दिल्ली के सीएम  इस बिल का विरोध कर रहे थे क्योंकि बिल के पास होने से  दिल्ली सरकार की पावर कम हो रही थी। इस लिए वो और उनकी कैबिनेट इसका विरोध कर रही थी । लेकिन फिर भी बिल पास हो चुका है जिसके बाद अरविंद केजरीवाल की पावर कम हो गई है।।
क्या था पूरा मामला
पूरे मामले की बात करें तो 11 मई 2023 को सुप्रीम कोर्ट में 5 जजों की संविधान पीठ ने अफसरों पर कंट्रोल का अधिकार दिल्ली सरकार को दिया था। इसके साथ ही अदालत ने कहा था कि उपराज्यपाल सरकार की सलाह पर ही काम करेंगे।  लेकिन इस फैसले के एक हफ्ते बाद 19 मई को केंद्र सरकार ने अध्यादेश लाकर इस फैसले को बदल दिया। सरकार ने ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार राज्यपाल को दे दिया।  दिल्ली सर्विस बिल कानून बनने के बाद इसी अध्यादेश की जगह लेगा। इसके बाद से केजरीवाल और आप पार्टी के नेता केंद्र सरकार पर तमाम तरह के आरोप लगा रहे है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

13 − 7 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।