पटना : आईना दिखाता हॅू तो देशद्रोही कहा जाता हॅू। कोई सही नहीं बोल रहा दरबारी और जी-हजूरी में लगा है। विकास से कोई मतलब नहीं, केवल बड़ाई करने से मतलब है। मैं सिद्धांतों से समझौता नहीं करता हॅू और सच्चाई से मुंह नहीं मोड़ता। भाजपा में हूॅ उससे पहले भारत का जनता हॅू। ये बाते आज पटना साहिब के सांसद शत्रुघन सिन्हा विद्यापति भवन में लाल बहादुर शास्त्री विचार मंच की ओर से जयंती समारोह पर बोल रहे थे। श्री सिन्हा अपनी पार्टी पर जम कर हमला किया। शास्त्री जी जय जवान जय किसान का नारा दिया था आज जवान किसान की स्थिति दयनीय है। अधिकारों की मांग पर किसानों पर आश्रु गैस और लाठीचार्ज हो रहा है।
देश में नोटबंदी की हवा निकल चुकी है, वित्त मंत्री अरूण जेटली जीएसटी के मामले पर लगभग 360 संशोधन कर चुके हैं फिर भी महंगाई कम नहीं हो रही है। डिजिटल इंडिया, स्टार्ट-अप एवं मेक इन इंडिया के नाम पर मेड इन चाईना ही देश में विद्यमान है। उन्होंने कहा कि कौरवों के सौ भाई दुर्योधन और दुशासन सुशासन को छोडक़र तीसरे का नाम लोगों को पता नहीं है। अटल बिहार वाजपेयी के मौजूद सरकार में फर्क यह है कि 90 प्रतिशत मंत्रियों को कोई नहीं जानता। दोनों सरकार में लोकशाही और तानाशाही का अंतर है।
वन नेशन टू मैन आर्मी का शो चल रहा है। उन्होंने केन्द्र सरकार से पूछा कि रायफल की कीमत 500 से 1600 करोड़ तक कैसे पहुंची? दस साल पहले बनी कंपनी को जहाज बनाने का ऑर्डर क्यों दिया गया? यह रायफल बमफोर्स का ग्रैण्ड-फादर बना हुआ है। उन्होंने कहा कि खाली मोदी मोदी कहकर और विकास न के बराकर है। इसलिए मोदी जी को अंधकार में रखना बड़ा दुर्भाग्य है। जब देश में विकास है तभी मोदी जी हैं।
पूर्व केन्द्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने कहा कि आज कोई सच सुनना नहीं चाहता है। अगर सही बात बोंलेंगे या जनता के विरोध करेंगे तो पाकिस्तान और चीन से मिलने का आरोप लगाते है और देशद्रोही बताया जाता हॅू। शास्त्री जी जय जवान-जय किसान का नारा लगाया था उनके समय में बेकसूरों को गोली नहीं चलाया जाता था मगर आज दिल्ली में किसानों पर आश्रु गैस और लाठीचार्ज किया गया उससे जलियावाला बाग और जनरल डायर की याद आता है।
उन्होंने कहा कि सन 2000 में भारतीय सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक करके पाकिस्तान सेना को विजिटर्स डायरी ले आयी है लेकिन वर्षगांठ या महीना-गांठ नहीं श्री सिन्हा ने कहा कि रक्षा मंत्री को राफेल की जानकारी एवं जम्मू कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लगाने की जानकारी नहीं थी। वहीं नोटबंदी के बारे में वित्त मंत्री को जानकारी नहीं थी। नरेन्द्र मोदी जी की सरकार में विरोध सुनने वाले को जगह नहीं देते हैं और जी-हजूरी करने वालों के लिए जगह है।