पूर्वी दिल्ली : कहते हैं राजनीति में कोई किसी का सगा नहीं होता। पूर्वी दिल्ली लोकसभा में आयोजित भाजपा के शहरी केंद्र प्रमुख सम्मलेन में विश्वास नगर से विधायक ओपी शर्मा की नजरअंदाजी को लेकर हुए बवाल ने इस बात को एक बार फिर सही साबित कर दिया है।
दरअसल बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्याम जाजू की अध्यक्षता में होने वाले इस कार्यक्रम में सांसद गौतम गंभीर समेत प्रदेश के तीन सदस्य, ईडीएमसी मेयर, डिप्टी मेयर, स्टेंडिंग कमेटी चेयरमैन, नेता सदन, जिलाध्यक्ष, पूर्वांचल मोर्चा जिलाध्यक्ष व अन्य लोग आमंत्रित थे, लेकिन पूरी लोकसभा में पार्टी के एक मात्र विधायक ओपी शर्मा को निमंत्रण तक नहीं भेजा गया था।
बावूजद इसके पार्टी के प्रति अपनी लगन के दिखाने के लिए विधायक बिन बुलाए मेहमान बनकर कार्यक्रम में शामिल होने पहुंच गए। हालांकि पहुंचने के बावजूद उन्हें तवज्जो नहीं दी गई, इससे उन्होंने खुद को अपमानित महसूस किया और वापस लौट जाना ही सही समझा। अब विधायक तो वापस लौट गए, लेकिन उनके चारों मंडलों के अध्यक्षों ने विरोध जाहिर करते हुए कार्यक्रम में नारेबाजी शुरू कर दी।
सभी ने गंदी राजनीति नहीं चलेगी…ओमप्रकाश शर्मा जिंदाबाद… जिलाध्यक्ष मुर्दाबाद जैसे कई नारे लगाए। सब कुछ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के सामने हुआ। विरोध जाहिर करने के बाद विधायक के समर्थक भी वहां से चले गए। मगर कार्यक्रम शुरू होते ही हुए इस बवाल ने पार्टी के लोगों के बीच चल रही फूट सबके सामने आ गई है। बता दें कि चुनाव के मद्देनजर पार्टी दिल्ली की सभी लोकसभा में शहरी केंद्र प्रमुख सम्मेलन करा रही है।
इसी कड़ी में रविवार को कार्यक्रम पूर्वी लोकसभा में रखा गया था। झिलमिल इलाके एक बैंकट हॉल में आयोजित इस कार्यक्रम के लिए इलाके में कई होर्डिंग भी लगे हुए थे। जिसमें तमाम नेताओं के नाम व फोटो थे, लेकिन लोकसभा से इकलौते विधायक की फोटो और नाम कहीं नहीं था, न ही उन्हें निमंत्रण भेजा गया था। ऐसे में जब विधायक वहां पहुंच गए तो भी उन्हें सम्मान नहीं दिया गया। मंच पर जिलाध्यक्ष तक के बैठने के लिए कुर्सी और नाम की प्लेट रखी हुई थी, लेकिन विधायक की नहीं।
इसलिए हुई विधायक की नजरअंदाजी…
विधायक की नजरअंदाजी के लिए समर्थक प्रदेश उपाध्यक्ष मोनिका पंत, प्रदेश महामंत्री कुलजीत चहल को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। दरअसल समर्थकों का कहना है कि ये दोनों विश्वास नगर विधानसभा से टिकट मिलने का दावा कर रहे हैं। ओम प्रकाश शर्मा इसी सीट से मौजूदा विधायक हैं। कहा जा रहा है कि अपनी राजनीति चमकाने और विधायक को कमजोर दिखाने के लिए दोनों नेताओं में जिलाध्यक्ष राम किशोर शर्मा के साथ मिलकर विधायक को नजरअंदाज कराया है। यही कारण है कि वहां गंदी राजनीति नहीं चलने देने के नारे भी लगाए गए।
दिखावे के लिए हाथ से लिखकर लगाई नेमप्लेट
कार्यक्रम में मौजूद कार्यकर्ताओं की माने तो जैसे ही वरिष्ठ नेताओं को लगा कि बवाल होने वाला है तो तुरंत एक कागज पर विधायक का नाम लिखकर उनके नाम की जुगाड़ू नेमप्लेट भी बनवाई गई थी। मगर ये दिखावा सम्मेलन में होने वाले बवाल को रोक नहीं पाया। वहीं विधायक की नजरअंदाजी पर श्याम जाजू की चुप्पी ने आग में घी डालने का काम किया। जब उन्होंने कुछ नहीं बोला तो कार्यक्रम में नारेबाजी शुरू हो गई।