केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने शुक्रवार को राजधानी में गंदे पानी को लेकर एक बार फिर अरविंद केजरीवाल सरकार पर दिल्ली की जनता के साथ धोखाधड़ का आरोप लगाते हुए कहा कि यहां के लोग गंदा पानी पीने को मजबूर है।
श्री पासवान ने कहा श्री केजरीवाल कल तक कह रहे थे कि दिल्ली की जनता को पीने का पानी बीआईएस मानक के मुताबकि मिल रहा है और अब कह रहे हैं कि स्वच्छ पानी मिलने में पांच साल लगेगा। उन्होंने इसे दिल्ली की जनता के साथ धोखाधड़ बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद, मोदी ने भी राजधानी में गंदे पानी के मसले को गंभीरता से लिया है।
उन्होंने कहा कि वह तीन माह से लगातार कह रहे हैं कि बीआईएस और दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों की संयुक्त टीम बनाकर जिस इलाके से चाहें पानी की जांच करवा लें। संयुक्त टीम बनाने हेतु 21 नवंबर को बीआईएस के 32 अधिकारियों का नाम भेज दिया था लेकिन श्री केजरीवाल ने अब तक कोई कदम नहीं उठाया है।
श्री पासवान ने अपने ट्वीटर से दिल्ली में पानी को लेकर चार ट्वीट किए। उन्होंने कहा कि दिल्ली की जनता गंदा पानी पीने को मजबूर है। उपभोक्ता मामले के सचिव ने 21 नवंबर को जलशक्ति विभाग के सचिव को नल के पानी के मानको आवश्यक करने के लिए पत्र लिखा है। उन्होंने भी आज जलशक्ति मंत्री को इस संबंध में पत्र लिखा है। हम लोगों को गंदा पानी पीने के लिए विवश नहीं कर सकते हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बीआईएस को निर्देश दिया गया है कि दिल्ली के हर वार्ड से पांच–पांच नमूने लेकर 15 दिन के भीतर जांच रिपोर्ट पेश करे। दिल्ली सरकार को छूट है कि दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारी, बीआईएस के महानिदेशक और उप महानिदेशक के नेतृत्व में बनी टीम के साथ संयुक्त रुप से पानी के नमूने एकत्रित करना चाहें तो कर सकते हैं।