हरिद्वार : मातृसदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद सरस्वती ने कहा कि स्वामी सानंद विश्व ख्याती के व्यक्ति थे। उन्होंने अपना जीवन गंगा की अविरलता और निर्मलता के लिए न्योछावर कर दिया। सानंद का अपमान करने वाले हर व्यक्ति पर मानहानी का मुकदमा करेंगे। उन्होंने कहा कि संत गोपालदास भी स्वेच्छा से ही अनशन पर बैठे थे। मातृसदन के स्वामी शिवानंद सरस्वती मातृसदन में पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि एम्स के डायरेक्टर का यह कहना सानंद का अपमान है कि उन्हें अनशन समाप्त करने से कोई रोक रहा था। जिस पर एम्स के डायरेक्टर पर मानहानी का मुकदमा करेंगे। यदि कोई अन्य व्यक्ति भी स्वामी सानंद का अपमान करेगा तो उसके खिलाफ मानहानी का मुकदमा किया जाएगा। फिर चाहे वह देश के प्रधानमंत्री ही क्यों न हो। उन्होंने कहा कि संत गोपालदास स्वामी निगमानंद के अनशनकाल के दौरान से मातृसदन से जुड़े हुए थे, लेकिन इसी बीच उनकी संत गोपालदास से कम ही वार्ता हुई है।
गंगा पर क्यों नहीं बोलते भागवत : शिवानंद
वह स्वामी सानंद के समर्थन में स्वेच्छा से ही बदरीनाथ में अनशन पर बैठे और स्वेच्छा से ही मातृसदन आए। परिजनों को प्रशासन ने मातृसदन के खिलाफ उकसाया। स्वामी शिवानंद ने आरोप लगाते हुए कहा कि स्वामी सानंद के परिजनों को प्रशासन ने मातृसदन के खिलाफ उकसाया और ये कहने के लिए कहा कि मातृसदन ने स्वामी सानंद को अनशन पर बैठने के लिए उकसाया। लेकिन स्वामी सानंद के परिजनों ने इस बात से इनकार कर दिया, क्योंकि स्वामी सानंद अनशन पर बैठने के घोषणा मातृसदन को बताए बिना ही कर चुके थे।