नई दिल्ली : उत्तरी और दक्षिणी नगर निगम के स्कूल में पढ़ने वाले करीब 42 हजार छात्र इस वर्ष भी जमीन पर बैठ कर पढ़ाई करने को मजबूर होंगे। क्योंकि, डेस्क बेंच की सप्लाई का टेंडर उठाने वाली कंपनी ने डेस्क बेंच देने से इनकार कर दिया है। खास बात है कि टेंडर खुले अभी 60 दिन भी नहीं हुए थे कि कंपनी ने बीच में ही सप्लाई देने से मना कर दिया।
कंपनी के इनकार करने के बाद से नेताओं और अधिकारियों में हड़कंप का माहौल है। इस मामले में जहां उत्तरी नगर निगम की शिक्षा समिति अध्यक्षा ने कहा कंपनी अपने डेस्क बेंच की क्वालिटी जांच नहीं करवाना चाहती थी, जोकि संभव नहीं था। इसी वजह से वह बीच में छोड़कर चली गई। जबकि अधिकारियों का कहना है कि कंपनी सप्लाई नहीं देने के लिए सक्षम नहीं थी इसलिए वह खुद डेस्क बेंच देने से इनकार कर दिया है।
अधिकारी और नेताओं के बयान में दो अलग-अलग बात सामने आ रही है। एक तरफ नेता कह रहे हैं क्वालटी जांच पर कंपनी ने सप्लाई देने से इंकार कर दिया, जबकि अधिकारी कह रहे हैं कि वह सप्लाई देने में सक्षम नहीं थी जिसकी वजह से वह खुद पीछे हट गया। दोनों का अलग-अलग बयान अपने आप में कई सवाल खड़ा कर रहा है।
उत्तरी निगम के 100 स्कूलों में नहीं है डेस्क बेंच
गौरतलब है कि, उत्तरी नगर निगम में कुल 765 स्कूल संचालित किए जाते हैं। इनमें से करीब 100 स्कूलों में करीब 19437 डेस्क बेंच नहीं है। इसकी वजह से पिछले कई सालों से करीब 38874 बच्चे जमीन पर बैठकर कर पढ़ाई करने को मजबूर हो रहे हैं। इसी बात को लेकर नवम्बर माह में कांग्रेस दल की पार्षद ने सदन की बैठक में मुद्दा उठाया था, जिसके बाद जमकर बवाल भी हुआ था। इसके बाद ही निगम ने टेंडर की प्रक्रिया की थी, जोकि अब कैंसिल हो गई।
दक्षिणी निगम के स्कूल में नहीं है डेस्क बेंच
आर्थिक रूप से सबसे मजबूत दिल्ली का दक्षिणी नगर निगम भी अपने स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को डेस्क बेंच मुहैया नहीं करा पा रहा है। उसके स्कूल में करीब 4 हजार बच्चे जमीन पर बैठकर पढ़ाई करने को मजबूर हैं। बता दें कि दक्षिणी नगर निगम ने भी डेस्क बेंच के लिए टेंडर किया था, जोकि निरस्त होता हुआ दिखाई दे रहा है। इस सत्र में भी बच्चों को जमीन पर बैठकर पढ़ाई करनी होगी।
– प्रगनेश सिंह