अभी जिन्दगी नार्मल पटरी पर आनी शुरू हो रही है, लोग काम पर जा रहे हैं, धीरे-धीरे सभी व्यवस्थाएं खुल रही हैं, परन्तु अभी-भी बहुत एहतियात बरतने की जरूरत है। मास्क पहनना, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना बहुत जरूरी है। हाथ बार-बार धोना और सैनेटाइजर का प्रयोग करना भी बहुत जरूरी है। ऐसे ही अभी वरिष्ठ नागरिकों को भी घर में रहना जरूरी है। इसलिए हमने आनलाइन यानी वी.एन.के.सी. फेसबुक पेज पर कम्पीटीशन शुरू किया हुआ है कि अपने डांस या रैम्प वॉक पर अपनी मनपसंद के गाने का वीडियो बनाकर भेजो जो बहुत ही अच्छा चल रहा है। सदस्य और बाहर से भी लोग भेज रहे हैं। दरअसल 3 वीडियो एलाउड हैं लेकिन कंपीटीशन के लिए एक ही सिलैक्ट होगी यानी आप सोलो डांस, कपल डांस और कपल रैम्प वॉक भेज सकते हो, परन्तु कम्पीटीशन के लिए एक ही सिलैक्ट होगी, हां यह जरूर है जैसे जन्माष्टमी और 15 अगस्त पर जितनी भक्ति और देशभक्ति की वीडियो अपलोड की गईं अगर एक इंसान की दूसरी, तीसरी वीडियो है तो वह कम्पीटीशन के लिए नहीं है। वीडियो अपलोड होना और लोगों द्वारा प्रशंसा करना ही बहुत बड़ी बात है।
हां सभी वीडियो देखकर एकदम मुंह से निकल आता है कि अभी तो मैं जवान हूं, यानी इस उम्र में सभी जवान हैं या यूं कह लो जवानों से बढक़र हैं। सभी बढ़-चढ़ कर वीडियो भेज रहे हैं। अब 20 अगस्त तक वीडियो भेज सकते हैं, फिर बंद हो जाएगी। उसके बाद उन बच्चों या बहू-बेटे, बेटियों की वीडियो जिन्होंने वीडियो बनाने में मदद की रिसीव की जाएंगी। सबसे रुचिकर बात है कि जो जज इस कम्पीटीशन की जजमैंट कर रहे हैं, उनसे बात करूं तो वह बहुत कन्फ्यूज हैं, बहुत हैरान, परेशान हैं। मैंने बहुत सूझबूझ से जज सिलैक्ट किये थे। जो यंग हैं, टैलेंटड हैं। एक-दूसरे से जुड़े नहीं हैं ताकि जजमैंट सही से हो सके और 3 सुपर जज हैं जो एक्सपर्ट हैं, मशहूर गायक हैं। देश के जाने-माने कलाकार हैं। मेरी तीनों से और सभी जजों से बात हुई, तीनों ने कहा, हमने सोचा कि आसान सा कम्पीटीशन होगा। जल्दी से जजमैंट कर लेंगे, परन्तु आपने तो हमें बहुत ही मुसीबत में डाल दिया। सभी एक से बढक़र एक हैं। कोई उम्र के हिसाब से बहुत ज्यादा एफर्ड कर रहा है, कोई टैलेंट दिखा रहा है। कइयों की वीडियो एक-दूसरे को मात दे रही है। बहुत मुश्किल है जी, मेरी मानो तो सबको फस्र्ट घोषित कर दो। मैंने कहा, अरे भाई कम्पीटीशन तो कम्पीटीशन है, इतने सारे प्राइज हैं सो आपको सिलैक्ट तो करने पड़ेंगे। हर प्राइज यानी सर्टिफिकेट तो सभी भाग लेने वाले को मिल रहे हैं। एक जज ने कहा यह तो हमारे लिए अग्नि परीक्षा हो गई है। एक ने कहा कि सबका आपस में मात्र 1-1 प्वाइंट का फर्क होगा। सो फस्र्ट, सैकिंड निकालना ठीक नहीं होगा, बड़े लोग अपसैट होंगे। मैंने कहा कि देखा नहीं कितनी दमदार प्रस्तुति है। सब बहुत बड़े दिल वाले हैं, सबको अपनी क्षमता दिखाने का प्लेटफार्म मिला है। सबके लिए सर्टिफिकेट भी बहुत शान होगी। लोग फ्रेम करा कर अपने घर रखेंगे, उनकी जनरेशन उनको याद करेगी। वाह क्या बात थी दादा-दादी और नाना-नानी की…। सबसे विशेष बात है कि यंग जज ने अपना ग्रुप बनाया है, उसमें जो उनकी डिस्कशन चलती है मैं उनको पढ़ती, देखती रहती हूं, परन्तु हस्तक्षेप नहीं करती क्योंकि यह उनके इंडिपेंडेन्ट फैसले होंगे। अमृतसर से गौरी बंसल कहती है कि हम उन्हें टाइटल देंगे बैस्ट कपल, जोड़ी नम्बर वन, बंटी-बबली पर… और किसी को देवानंद, किसी को राजकपूर। सोनम कहती हैं इतने प्रतिभागी हैं इतने टाइटल कहां होंगे। सोनम इस ग्रप को लीड कर रही हैं। उनकी बहुत मुश्किल जिम्मेदारी है। मेहरुनीसा जेतती कहती हैं जितना ये लोग लॉकडाउन में आनंद ले रहे हैं उतना कोई नहीं ले सकता। क्या स्प्रिट और जोश है। अमेरिका से डाक्टर अंजलि कहती हैं हमने अपने कालेज टाइम में बहुत डांस और एक्ट किया, परन्तु इनको देखकर तो लगता है हमने कुछ नहीं किया। लंदन से साक्षी कहती हैं कि मुझे इन्हें देखकर जोश आ रहा है कि मैं भी डांस कर सकती हूं, परन्तु इनको प्रथम, द्वितीय कहना बहुत मुश्किल है। लंदन से ही तनिशा बढेरा कहती हैं ये तो बहुत फिट हैं, हमें भी 60, 70, 80, 90 तक फिट रहना है। पानीपत की धृतिका हरजाई कहती हैं इनको जज करना आसान काम नहीं है। गुरुग्राम की प्रियंका सागर कहती हैं माई गॉड! मैंने कभी कल्पना भी नहीं की थी कि यह ऐसी अद्भुत प्रतियोगिता होगी। प्राची नड्डा, जनकी हाल में ही शादी हुई है और लॉकडाउन के कारण हनीमून पर भी नहीं जा सकीं, घर में रहकर सबकी सेवा कर रही हैं और कहती हैं कम्पीटीशन को जज करना बहुत बड़ी इंज्वायमैंट है। अमेरिका से नीरू अरोड़ा कहती हैं जब मैं अमेरिका में सीनियर को एंज्वाय करते देखती थी तो मुझे लगता था कि भारत में ऐसा क्यों नहीं, पर इस कम्पीटीशन को देखकर लगता है कि हमारा भारत आगे चल रहा है। अनुप्रिया जैन कहती हैं यह तो बच्चों से भी ज्यादा उत्साहित हैं। रिद्घि बेरी कहती हैं ऐसा कम्पीटीशन देखा ही नहीं था। सो कुल मिलाकर चारों तरफ आनंद ही आनंद है। रोमांच है, उत्साह है, जोश है, जीने की तमन्ना है। अगले लेख में मैं उन बच्चों, बहुओं, बेटियों-बेटों का जिक्र करूंगी जिन्होंने कम्पीटीशन के लिए वीडियो बनाने में मदद की। कुछ वीडियो तो आ गई हैं। इतनी मजेदार वीडियो और अनुभव शेयर किए गए हैं कि देखकर आनंद ही आनंद आता है।