जिले में लिंगानुपात को बढ़ाने के लिए बुधवार को उपायुक्त पंकज ने अपने कार्यालय में पीएनडीटी एक्ट से जुड़े अधिकारियों की एक बैठक ली और उन्हें आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिले में लिंगानुपात को बढ़ाने के लिए जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को जागरूक किया जाए। उन्होंने महिला एवं बाल विकास अधिकारी को निर्देश दिए कि वे आशा वर्करों के माध्यम से लिंगानुपात का पूरा डाटाबेस तैयार करवाएं तथा उन गांवों की सूची अवश्य तैयार करवाएं जहां लिंगानुपात सबसे कम व सबसे ज्यादा है ताकि लोगों को यह पता चल सके कि उस गांव में लिंगानुपात ज्यादा होने के क्या कारण हैं ताकि कम लिंगानुपात वाले गांव भी उससे प्रेरणा लेकर अपने गांव के लिंगानुपात में सुधार कर सकें।
उपायुक्त ने बताया कि सरकार द्वारा देश में गिरते हुए लिंगानुपात में संतुलन बनाने व बेटियों को आर्थिक व सामाजिक रूप से सशक्त बनाने के लिए ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ योजना चलाई गई है। इस अभियान के तहत लोगों को कन्या भ्रूण हत्या रोकने व लड़कियों की शिक्षा को लेकर जागरूक किया जा रहा है ताकि प्रदेश में लड़कियों का अनुपात बढऩे के साथ-साथ उनकी शिक्षा को भी बढ़ावा मिल सके।डिप्टी सिविल सर्जन डा. सर्वजीत थापर ने बताया कि अल्ट्रासाउंड सैंटरों पर रेड डालते समय नकली ग्राहक के रूप में कार्य करने वाली महिला को इंसेनटिव के रूप में कुछ राशि दी जाए ताकि नकली ग्राहक कोर्ट में केस के समय गवाही के लिए पहुंच सके।
उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा परिवार नियोजन के अंतर्गत एक लड़की होने पर यदि परिवार नियोजन अपनाया जाता है तो उस परिवार को 18 वर्ष तक 500 रुपए प्रतिमाह, दो लड़कियां होने के उपरांत परिवार नियोजन अपनाया जाता है तो 300 रुपए प्रतिमाह तथा एक लड़का होने पर परिवार नियोजन अपनाया जाता है तो 300 रुपए प्रतिमाह दिए जाते हैं।इस बैठक में एडीसी कैप्टन मनोज कुमार, मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी मृदुलधर, डीएसपी गजेन्द्र सिंह, सिविल सर्जन सुदर्शन पंवार, हेमंत ग्रोवर, डा. विजय प्रकाश, जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी लता शर्मा, संतोष हुड्डा, डीए श्री कुंडू व डिप्टी डीए एसके शर्मा सहित पीएनडीटी एक्ट से जुड़े अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।