पंचकुला : गुरमीत राम रहीम की मुंहबोली बेटी हनीप्रीत को जब पुलिस ने जब जीरकपुर पटियाला रोड से गिरफ्तार किया तो उसके साथ उसकी एक सहयोगी को भी गिरफ्तार किया गया था। पूछताछ में पता लगा था कि हनीप्रीत बठिंडा में इसी के घर पर छुपी हुई थी। बताया जा रहा है कि इस पूरी आंखमिचौली में सुखदीप कौर नाम की इस महिला ने ही हनीप्रीत का साथ दिया है। पुलिस की जानकारी में पता लगा कि सुखदीप और उसका पूरा परिवार डेरे का पुराना अनुयायी है। जब हरियाणा पुलिस ने हनीप्रीत को गिरफ्तार किया उस समय भी सुखदीप कौर उसके साथ ही थी।
कई ठिकानों पर हनीप्रीत को लेकर पहुंची पुलिस
गुरुवार की सुबह पुलिस हनीप्रीत को लेकर पंचकुला के सेक्टर 23 के चंडीमंदिर थाने से लेकर सेक्टर 20 के थाने में गई। वहां कमांडो और पुलिस की व्यवस्था और गांड़ियों के बीच जीरकपुर-पटियाला रोड से होते हुए पुलिस संगरूर के भवानीगढ़ थाने पहुंची। मिली जानकारी के अनुसार पुलिस का कहना था कि मीडिया की गाड़ियां उनका पीछा कर रही थी इसलिए पुलिस हनीप्रीत को लेकर भवानीगढ़ थाने में कुछ देर रुके थे।
बताया जा रहा है कि हनीप्रीत और सुखदीप को हरियाणा और पंजाब पुलिस बठिंडा की नई बस्ती की गली नंबर 5 लेकर गई। मिली जानकारी के अनुसार हनीप्रीत को इसी जगह रखा गया। मिली जानकारी के अनुसार हनीप्रीत ने एक न्यूज चैनल को इंटरव्यू दिया तब भी उसकी गाड़ी उसकी सहयोगी सुखदीप कौर ही चला रही थी।
हरियाणा पुलिस नार्को टेस्ट कराने के मूड में
हरियाणा पुलिस हनीप्रीत के नार्को टेस्ट कराने के मूड में दिख रही है। पंचकुला के पुलिस कमिश्नर एएस चावला ने बताया कि हनीप्रीत पूछताछ में कोई सहयोग नहीं कर रही है, अगर वह ऐसा ही करती रही तो वे कोर्ट से उसकी रिमांड बढ़ाने के लिए अपील करेंगे और जरूरत पड़ी तो उसका नार्को टेस्ट भी कराएंगे।
बढ़ सकता है रिमांड
पुलिस को पता चला है कि फरारी के दौरान हनीप्रीत ने 17 सिम कार्ड इस्तेमाल किए, जिनमें तीन विदेशी सिम भी शामिल थे। बता दें कि हनीप्रीत के लिए पुलिस ने कोर्ट में 14 दिन के रिमांड की मांग की थी लेकिन अदालत ने पुलिस को सिर्फ 6 दिन का रिमांड दिया है और पुलिस का कहना है कि हनीप्रीत उनका बिल्कुल भी सहयोग नहीं कर रही है।
बता दें कि 38 दिनों से फरार हनीप्रीत को ढूंढने के लिए पुलिस नेपाल भी गई थी लेकिन हनीप्रीत कई लोगों की मदद से जगह-जगह छिपती रही। राम रहीम की गिरफ्तारी के समय हनीप्रीत को आखिरी बार रोहतक जेल के बाहर देखा गया था। जिसके बाद वह राम रहीम के पैतृक गांव गुरसर मोडिया पहुंच गई थी।