सिरसा : दो साध्वियों से दुष्कर्म और पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या के लिए रोहतक की सुनारिया जेल में सजा काट रहे डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत सिंह को बड़ा झटका लगा है। उसकी जेल से बाहर आने की उम्मीद फिलहाल टूट गई है। पैरोल मिलने की सूरत न देखकर उसने अपनी अर्जी सोमवार को वापस ले ली है। यह दूसरा मौका है कि गुरमीत राम रहीम ने अपनी पैरोल की अर्जी वापस ली है।
गुरमीत राम रहीम ने प्रशासन द्वारा पैरोल पर फैसला लेने से पहले ही साेमवार को अपनी अर्जी को वापस ले लिया है। डेरा सच्चा सौदा प्रमुख ने 18 जून को जेल अधीक्षक को आवेदन देकर 42 दिन की खेती के लिए पैरोल देने की मांग की थी। जेल प्रशासन ने सिरसा जिला प्रशासन से इस संबंध में सिफारिश मांगी और उसके बाद पैरोल को लेकर विरोध के स्वर प्रदेश भर में उठने लगे। गुरमीत राम रहीम द्वारा खेती के लिए पैराेल मांगे जाने के बाद जानकारी सामने आई कि उसके नाम पर कोई जमीन नहीं है। सिरसा में जमीन डेरा सच्चा सौदा ट्रस्ट के नाम है।
गुरमीत को इस जमीन पर काश्तकार भी डेरा प्रमुख को नहीं माना गया। राजस्व विभाग ने नवीनतम रिकार्ड 2017-18 व 2018-19 के हिसाब से रिपोर्ट पुलिस को सौंप दी। इसी बीच अनेक संगठनों ने डेरा प्रमुख की पैरोल का विरोध शुरू कर दिया और ज्ञापन दिए जाने लगे। इस मामले में सुनारिया जेल प्रशासन द्वारा गुरमीत राम रहीम के जेल में आचरण को अच्छा बताए जाने के बाद उसे पैराेल मिलने की चर्चाएं गर्म हो गईं। इसी दौरान राज्य के जेल मंत्री कृष्णपाल गुर्जर और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के बयानों से भी गुरमीत राम रहीम को पैराेल मिलने की उम्मीदें जगीं।