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उड़ान भरने से पहले वैकल्पिक गंतव्य स्थल ध्यान में रखें एयरलाइंस : डीजीसीए

अगर कोई पायलट एटीसी को ‘‘न्यूनतम ईंधन’’ की जानकारी देता है तो इसका मतलब होता है कि ईंधन बहुत कम है और इसलिए विमान को हवाईअड्डे पर उतारना पड़ेगा तथा इसमें कोई देरी की गुंजाइश नहीं है।

नयी दिल्ली : विमानन नियामक संस्था डीजीसीए ने शुक्रवार को कहा कि प्रतिकूल मौसम या हवाईअड्डे पर स्थितियां अनुकूल ना होने की स्थिति के मद्देनजर एयरलाइनों को उड़ान की योजना के दौरान ही वैकल्पिक गंतव्य ध्यान में रखना चाहिए। 
डीजीसीए ने एक सर्कुलर में कहा कि पूर्व में कई ऐसी घटनाएं हुई हैं जिनमें या तो प्रतिकूल मौसम में या हवाईअड्डे की सीमाओं के कारण चालक दल के सदस्यों ने लैंडिंग में प्राथमिकता पाने के लिए ‘मेडे फ्यूल’ की घोषणा की है। इसमें कहा गया है कि लैंडिंग के बाद बहुत कम मामलों में उपलब्ध ईंधन निर्धारित रिजर्व से कम था। 
डीजीसीए ने कहा कि इन घटनाओं की जांच से ईंधन की योजना, चालक दल के निर्णय निर्धारण की क्षमता और हवाई यातायात नियंत्रण (एटीसी) द्वारा दिए सहयोग में कमी का खुलासा हुआ। इसमें कहा गया, ‘‘प्रतिकूल मौसम या हवाईअड्डे पर स्थितियां अनुकूल ना होने की स्थिति में उड़ान भरने की योजना के चरण के दौरान दूसरे गंतव्य स्थल की व्यवस्था करनी चाहिए।’’ 
अपनी जांच में डीजीसीए ने पाया कि विमान को कहीं ओर ले जाने के लिए फैसला करते समय पायलट ‘‘नजदीक लैंडिंग हवाईअड्डे’’ पर विचार नहीं करते। नियामक ने कहा कि फ्लाइट डिस्पैच को उड़ान भरते समय पायलट को गंतव्य हवाईअड्डे के साथ-साथ वैकल्पिक हवाईअड्डे पर मौसम की स्थितियों की जानकारी देनी चाहिए। 
डीजीसीए ने एक सर्कुलर में कहा, ‘‘क्रू (कॉकपिट) को डेटा उपलब्ध कराने के लिए इलेक्ट्रॉनिक ब्रीफिंग फोल्डर के इस्तेमाल पर भी विचार करना चाहिए।’’ इलेक्ट्रॉनिक ब्रीफिंग फोल्डर में पायलट विमान में या बाहर किसी स्थान पर इंटरनेट कनेक्शन के जरिए उड़ान की योजनाएं, मौसम की जानकारियां, मानचित्र समेत अन्य जानकारियां पा सकते हैं। नियामक ने यह भी पाया कि पूर्व की घटनाओं के दौरान पायलटों ने एटीसी को ‘‘न्यूनतम ईंधन’’ की घोषणा नहीं की। अगर कोई पायलट एटीसी को ‘‘न्यूनतम ईंधन’’ की जानकारी देता है तो इसका मतलब होता है कि ईंधन बहुत कम है और इसलिए विमान को हवाईअड्डे पर उतारना पड़ेगा तथा इसमें कोई देरी की गुंजाइश नहीं है।
डीजीसीए की जांच में यह भी पाया कि ऐसा भी हुआ है कि पायलट ने ‘न्यूनतम ईंधन’ की जानकारी दी लेकिन इसके बावजूद भी एटीसी ने तत्काल लैंडिंग की अनुमति नहीं दी। नियामक ने कहा कि अगर पायलट ‘न्यूनतम ईंधन’ की घोषणा कर देता है तो हवाईअड्डे के एटीसी को विमान के फौरन लैंडिंग की व्यवस्था करनी चाहिए। डीजीसीए ने कहा कि एटीसी और सभी विमान ऑपरेटरों को सर्कुलर में दिए गए सभी दिशा-निर्देश का सख्ती से पालन करना होगा। 

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